इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फतेहगंज स्थित गल्ला मंडी में नगर निगम द्वारा बनवाए जा रहे कुनेश्वर बाबा द्वार के निर्माण पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने इस द्वार के निर्माण के निर्णय को भी रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने ओम शंकर मिश्रा व अन्य निवासियों की याचिका पर दिया। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि गल्ला मंडी रोड जहां से शुरू होती है, वहीं यह द्वार बनाया जा रहा था, जिससे सड़क और संकरी हो जाती और यातायात की समस्या बढ़ जाती। याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि द्वार बनने के बाद आपातकालीन वाहन जैसे फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस प्रवेश नहीं कर पाएंगे। नगर निगम ने भी इस बात को स्वीकार किया कि द्वार निर्माण से सड़क पतली हो जाएगी और आपातकालीन वाहनों का प्रवेश बाधित होगा। न्यायालय को जानकारी दी गई कि स्थानीय पार्षद के प्रस्ताव पर, एक समिति ने 6 अगस्त को 7.70 लाख रुपए की लागत से इस द्वार के निर्माण को मंजूरी दी थी। न्यायालय ने अपने आदेश में टिप्पणी की कि यदि पार्षद इस प्रकार के फिजूल खर्चों से बचते हैं, तो वार्ड की विकास निधि का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि इस द्वार के निर्माण का कोई औचित्य नहीं है और इससे अलग से यातायात समस्या बढ़ेगी। न्यायालय ने सुझाव दिया कि पार्षद को उपलब्ध निधि का उपयोग अन्य नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि पार्षद नगर निगम से आग लगने जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए फायर हाइड्रेंट्स स्थापित करने का अनुरोध कर सकते थे। चूंकि उक्त द्वार की नींव का काम हो चुका था, इसलिए न्यायालय ने संबंधित ठेकेदार को नियमानुसार भुगतान करने का भी आदेश दिया है।
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