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प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंची पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी:पूछा-रुकावट आने पर क्या करें, संत बोले- रौंदकर आगे बढ़ें

इलाहाबाद की पूर्व सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने रविवार को प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कीं। इसका वीडियो डॉ. रीता बहुगुणा जोशी अपने सोशल मीडिया पर अकाउंट पर शेयर किया गया है। इसमें रीता बहुगुणा जोशी अपने सहयोगी के साथ स्वामी प्रेमानंद के सामने खड़ी हैं। इस दौरान उन्होंने मन की बात संत के सामने रखी। उन्होंने कहा-आपका दार्शनिक ज्ञान और विचारधारा करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही है। देशभर के लोग आपके दर्शन के लिए उत्सुक रहते हैं। स्वयं आप और आपके जैसे अनेक लोग पिछले कई दशकों से देशसेवा में निरंतर लगे हुए हैं। अब देखिए स्वामी प्रेमानंद महाराज जी से मिलने पहुंची डॉ. रीता बहुगुणा जोशी की 2 तस्वीरें… अब पढ़िए डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने क्या सवाल पूछा?
डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने महाराज से कहा-यदि कोई व्यक्ति सकारात्मक भावना के साथ किसी अच्छे काम में लगातार लगा हो और रास्ते में रुकावट आ जाए, तो ऐसी स्थिति में उसे क्या करना चाहिए।
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा-व्यक्ति को अपनी सकारात्मक भावना को और अधिक सुदृढ़ करना चाहिए और सभी रुकावटों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता में स्वयं शक्ति होती है, जबकि रुकावटें और बाधाएं नकारात्मकता का रूप होती हैं। नकारात्मक सोच इतनी हावी नहीं होनी चाहिए कि व्यक्ति निराश, उदास या हताश हो जाए। इसके विपरीत, अपनी सकारात्मक सोच और आस्था को इतना मजबूत बनाना चाहिए कि नकारात्मकता स्वतः ही परास्त हो जाए।” उन्होंने जोर देते हुए कहा-भगवान पर भरोसा, अपने प्रयास और सकारात्मक सोच के सहारे हर बाधा को पार किया जा सकता है। निरंतर आगे बढ़ते रहना ही जीवन का सही मार्ग है। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ संवाद
इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे लोग प्रेरणादायक बताते हुए साझा कर रहे हैं और कई सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोग प्रेमानंद महाराज के इस संदेश को वर्तमान समय में बेहद प्रासंगिक मान रहे हैं। अब पढ़िए डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के बारे में…. रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस के दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं। उनके पिता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, जबकि उनकी मां कमला बहुगुणा सांसद थीं। रीता बहुगुणा जोशी का जन्म 22 जुलाई 1949 को उत्तराखंड में हुआ। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रहीं रीता ने इतिहास विषय में पीएचडी की और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में भी सेवाएं दीं। उनके भाई विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके पति पीसी जोशी पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं। राजनीति में ऐसे हुई एंट्री
राजनीतिक परिवार में जन्म लेने के कारण रीता बहुगुणा जोशी पर बचपन से ही राजनीति का प्रभाव रहा। वर्ष 1995 से 2000 तक वह इलाहाबाद की मेयर रहीं। इसके बाद 2003 से 2007 तक उन्होंने ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली। 2007 से 2012 तक वह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं। इसके अलावा वह नेशनल काउंसिल ऑफ वूमेन की उपाध्यक्ष भी रहीं। रीता बहुगुणा जोशी ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। वर्ष 2012 में उन्होंने लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। 2014 में उन्होंने लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। विवादों से रहा नाता
रीता बहुगुणा जोशी का नाम कई बार विवादों में भी रहा। 16 जुलाई 2009 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मुरादाबाद जेल भेजा गया। वर्ष 2011 में भट्टा पारसौल आंदोलन के दौरान उन्होंने राहुल गांधी के साथ गिरफ्तारी दी थी। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं
करीब 24 वर्षों तक कांग्रेस में रहने के बाद मतभेदों के चलते 20 अक्टूबर 2016 को रीता बहुगुणा जोशी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लखनऊ कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को हराया। उन्हें ब्राह्मण मतदाताओं में अच्छी पकड़ वाला नेता माना जाता है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी ने इलाहाबाद सीट से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनका टिकट काटकर नीरज त्रिपाठी को मैदान में उतारा। ————— ये भी पढ़ें- राम मंदिर आंदोलन से जुड़े डॉ. रामविलास वेदांती का निधन:तबीयत बिगड़ी तो एयरएंबुलेंस रीवा पहुंची, कोहरे के कारण लैंड नहीं हो पाई राम मंदिर आंदोलन के संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने मध्यप्रदेश के रीवा में दोपहर 12.20 बजे अंतिम सांस ली। वे 67 साल के थे। वेदांती की रीवा में रामकथा चल रही थी। इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। दो दिन से उनका इलाज रीवा के एक हॉस्पिटल में चल रहा था। सोमवार सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें एयरलिफ्ट करके भोपाल एम्स ले जाने की तैयारी थी। एयर एम्बुलेंस पहुंच भी गई, लेकिन कोहरे की वजह से लैंड नहीं कर सकी। पढ़िए पूरी खबर…


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