स्पॉट- सुनरख तिराहा (वृंदावन) समय- 5 बजे (शाम) यही वो जगह है, जहां से प्रेमानंद महाराज पदयात्रा कर रहे है। वह हर रोज यहां से निकलकर पैदल श्रीराधा केलिकुंज आश्रम तक जाते हैं। 20 दिसंबर को भी ऐसा ही होना था, मगर टाइमिंग बदल चुकी थी। यूं तो वह रात 2 बजे पदयात्रा करते हुए जाते थे। मगर अब शाम 5 बजे उनकी पदयात्रा निकलने की तैयारियां हो रही थीं। पूरे रास्ते पर फूल बिखरे हुए थे। रास्ते पर दोनों तरफ रस्सी बंधी हुई थी, लोग उनकी एक झलक के लिए उतावले होते दिख रहे थे। मैनेजमेंट ऐसा कि लोग खुद ही बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों को आगे आने के लिए जगह दे रहे थे। ठीक 5 बजे श्रीकृष्ण शरणम् से उनके अनुयायी बाइक और गाड़ी पर निकले। कुछ खास अनुयायियों के साथ प्रेमानंद महाराज पैदल निकले। उन्हें देखते ही भक्तों के बीच से आवाजें सुनाई देने लगी- राधे… राधे। बोलो राधे…राधे। अचानक महाराजजी ने पदयात्रा के समय में बदलाव क्यों किया? इसका जवाब तलाशते हुए हमने केलिकुंज आश्रम संपर्क किया। मगर कोई जवाब नहीं दिया गया। महाराजजी से जुड़े सोर्स ने इसकी 2 वजह बताई। पहला- स्वास्थ्य कारणों से सर्द रात में वह पदयात्रा नहीं करेंगे। दूसरी- सर्द रात में अनुयायी घंटों सड़क पर खड़े रहते थे, ये महाराजजी को अच्छा नहीं लगा। पढ़िए रिपोर्ट… अब दोपहर से जुट रहे भक्त, पूरे मार्ग पर फूल बिखरते हैं… प्रेमानंद महाराज रात में 2 बजे छटीकरा मार्ग के श्रीकृष्ण शरणम् स्थित फ्लैट से पदयात्रा करते हुए श्रीराधा केलिकुंज आश्रम पहुंचते थे। हजारों भक्त हर रात को इस 2 Km लंबे रूट के दोनों तरफ खड़े होते हैं, ताकि महाराजजी के दर्शन हो सकें। रूट पर दोनों तरफ रस्सी लगा दी जाती है, ताकि भक्त महाराजजी के सामने रास्ते पर न आ जाएं। लोग भी समय से पहले पहुंचकर रंगोली बनाते हैं। राधा और कृष्ण के स्वरूप में बच्चों को तैयार किया जाता है, कुछ लोग राधा-कृष्ण के भजन भी गाते हैं। महाराजजी इन्हें देखकर ठहरते भी हैं। लोग जब उनका अभिवादन करते हैं, तो महाराजजी पूरे रास्ते हाथ जोड़कर चलते हुए दिखते हैं। अब संत प्रेमानंद की शाम की पदयात्रा को देखते हुए दोपहर से ही सड़क पर श्रद्धालु डेरा डालने लगे हैं। सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ संत प्रेमानंद के दर्शन को पहुंच रही है। अब भक्तों की बात सुमित बोले- हम सिर्फ उन्हें देखने आए थे
पुणे से आए सुमित कहते हैं- आज हमने प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए। मन प्रसन्न हो गया। हम सिर्फ उनके दर्शन के लिए ही यहां पर आए थे। अब दिन में निकलने से पूरा रोड पैक था, दोनों तरफ लोग खड़े थे। ज्यादा से ज्यादा लोग उनके दर्शन कर पा रहे हैं। ये बड़ी बात है, बुजुर्ग और बच्चे भी आसानी से उन्हें देख पा रहे हैं। ये टाइमिंग अच्छी है। गाजियाबाद से आई पिंकी रानी कहती हैं- हमें पता था कि वो रात में पदयात्रा करते हैं, मगर यहां आने के बाद बताया गया कि वो शाम को 5 बजे निकलेंगे। हम यहां जल्दी जल्दी पहुंचे, दर्शन भी हो गए। बहुत अच्छा लग रहा है। हजारों लोग कितने संयमित रहते हैं
जम्मू कश्मीर से वैभव पंडित भी वृंदावन पहुंचे थे। उन्होंने कहा- आप समझिए इतनी भीड़ सिर्फ एक संत को देखने के लिए पहुंचती है। मुझे बहुत अच्छा लगा। इतने सारे लोग कितने संयम से रहते हैं। प्रेमानंद महाराज के अनुयायी सिर्फ हाथ जोड़कर सबको कंट्रोल कर लेते हैं। दोगुने हुए भक्त, CO बोले- रेगुलर रहा, तो रूट मैप बनाएंगे
अब अचानक पदयात्रा की टाइमिंग में बदलाव करने की वजह से जो सबसे बड़ा असर दिखा है, वो भक्तों पर है। रात में 10-12°C के तापमान पर सर्द हवाओं में भक्त खड़े हो रहे थे। महाराजजी को देखने के लिए शाम 5 बजे दोगुने लोग उमड़ रहे हैं, उन्हें आसानी से दर्शन मिल रहे हैं। पदयात्रा में बदलाव के साथ मथुरा पुलिस की मशक्कत भी बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें रूट मैनेजमेंट करना पड़ रहा है। CO सदर संदीप सिंह कहते हैं- अभी 2 ही दिन हुए हैं, हम आश्रम से बात करेंगे। अगर रेगुलर शाम 5 बजे ही पदयात्रा होती है, तो उसको लेकर रूटमैप बनाना होगा। क्लियर होने के बाद हम इस पर काम पूरा कर लेंगे। अब व्यापारियों की बात शाम को पदयात्रा से रौनक आ गई
जिस रूट पर प्रेमानंद महाराज पदयात्रा करते हैं, वहीं पर रेस्टोरेंट चलाने वाले सचिन अग्रवाल कहते हैं- महाराजजी पहले रात को आते थे, तब कम लोग हुआ करते थे। कुछ लोग सो रहे हैं, कुछ घरों में हैं। मगर अब शाम के वक्त आने से ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। अब बाजार में भी रौनक आ गई है। सब कुछ बहुत व्यवस्थित ढंग से चल रहा है। सुमित जायसवाल कहते हैं- दुकानदार को क्या चाहिए, कस्टमर। प्रेमानंद जी को देखने के लिए जो लोग आते हैं, वो खरीदारी भी करते हैं। हमें अच्छा मुनाफा होता है। पहले भी बदलती रही है महाराज की पदयात्रा की टाइमिंग 12 दिन लिया था हेल्थ ब्रेक
ऐसा पहली बार नहीं है कि प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का समय बदला है। 2 महीने पहले 4 अक्टूबर को संत प्रेमानंद के अस्वस्थ होने पर रात की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी। तब केलि कुंज आश्रम के संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया था- प्रेमानंद महाराज को करीब 20 साल से किडनी की समस्या है। पहले हफ्ते में 3 बार डायलिसिस होती थी, लेकिन अब समस्या बढ़ गई तो हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। 12 दिन के हेल्थ ब्रेक के बाद 26 अक्टूबर को संत प्रेमानंद ने फिर से पदयात्रा शुरू की। पहले उन्होंने गिरिराजजी की 7 कोसीय परिक्रमा पूरी की। फिर वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा की। 2 दिन से अब शाम को 5 बजे सुनरख मोड़ से पदयात्रा करते हुए रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज पहुंच रहे हैं। कब-कब स्थगित हुई पदयात्रा ……………… ये पढ़े-
विराट-अनुष्का संत प्रेमानंद से मिले, गुरु दीक्षा की कंठी पहनी, एक्ट्रेस बोलीं- महाराज अब हम आपके, आप हमारे, बाबा ने कहा- हम सब श्रीजी के क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ मंगलवार को वृंदावन पहुंचे। दोनों ने केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद के दर्शन किए। दोनों की इस साल प्रेमानंद जी से यह तीसरी मुलाकात है। दोनों घुटनों के बल महाराज जी के सामने बैठे और सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान विराट-अनुष्का हाथ जोड़कर महाराज जी की बातें सुनते रहे। विराट सिर हिला-हिलाकर महाराज जी की बातें सुनते रहे, मुस्कुराते रहे। पढ़िए पूरी खबर…
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