प्रयागराज संगम की पवित्र रेत पर इस वर्ष माघ मेले और काशी तमिल संगमम् के आगंतुकों का भव्य स्वागत किया जाएगा। इसी क्रम में संगम तट पर एक आकर्षक और विशिष्ट सैंड आर्ट का निर्माण किया गया है, जो लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस अनूठी कलाकृति को सैंड आर्टिस्ट अजय गुप्ता और उनकी टीम ने दो दिन की लगातार मेहनत से तैयार किया है। इस सैंड आर्ट में मां गंगा की भव्य आकृति को सूक्ष्म और सुंदर रूप में उकेरा गया है। इसके साथ ही अक्षय वट, संगम की दिव्यता और प्रयागराज की आध्यात्मिक महिमा को भी दर्शाया गया है। इसे देखने के लिए श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ रही है, और आने वाले दिनों में यह लाखों यात्रियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। माघ मेला 2026 की शुरुआत 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व के साथ होगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी संगम की रेती पर विशाल मेला बसाया जाएगा। प्रशासन और मेला प्राधिकरण की ओर से तैयारियां अंतिम चरण में हैं, जिनमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुगम यात्रा मार्ग, परिवहन व्यवस्था और स्नान घाटों की सुविधाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, काशी तमिल संगमम् के अंतर्गत तमिलनाडु से आने वाले विशेष समूह भी प्रयागराज का भ्रमण करेंगे। ये यात्री 4, 6, 8, 10, 12, 14 और 16 दिसंबर को प्रयागराज पहुंचेंगे। संगम आगमन पर वे स्नान करेंगे, नाव विहार का आनंद लेंगे और लेटे हनुमान जी का दर्शन-पूजन करेंगे। वे श्री आदि शंकर विमान मंडपम् और स्वामीनारायण मंदिर सहित अन्य प्रमुख धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों का भी भ्रमण करेंगे। संगम तट पर तैयार किया गया यह सैंड आर्ट न केवल शहर की कलात्मक क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि प्रयागराज की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक पहचान का संदेश भी दुनियाभर तक पहुंचा रहा है। काशी तमिल संगमम् और माघ मेला के आगंतुकों के लिए यह सैंड आर्ट एक यादगार अनुभव साबित होगा।
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