प्रयागराज रेलवे ने ड्रोन से की सौर पैनलों की सफाई:19 किलो का ड्रोन, 10 लीटर पानी और 22 मिनट की उड़ान, रेलवे का अनोखा प्रयोग
प्रयागराज उत्तर मध्य रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा दक्षता की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन पर ड्रोन तकनीक से सौर पैनलों की सफाई का सफल प्रदर्शन किया। यह आयोजन 23 सितंबर को हुआ और इसका उद्देश्य भारतीय रेलवे के नेट-ज़ीरो मिशन और सौर मिशन को आगे बढ़ाना था। इस तकनीक से सौर पैनलों की सफाई और रखरखाव में समय और लागत दोनों की बचत होगी। इस प्रदर्शन का नेतृत्व एनसीआर मुख्यालय के प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर श्री यतेंद्र कुमार और मुख्य विद्युत अभियंता पंकज जायसवाल के मार्गदर्शन में किया गया। तकनीकी सहयोग मुख्य तकनीकी सहायक चंदन भाई रावल और कनिष्ठ अभियंता (सौर) एनसीआर मुख्यालय ने दिया। मौके पर प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ रेल अधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर (सामान्य) अखिलेश कुमार और मंडल विद्युत अभियंता (सामान्य) एस.ए.एच. रिज़वी सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे। सूबेदारगंज स्टेशन पर प्रदर्शित विशेष ड्रोन में 10 लीटर पानी की टंकी लगी थी। बिना पानी के इसका वजन लगभग 19 किलोग्राम था। ड्रोन में लगे 4 नोज़ल सौर पैनलों पर नियंत्रित तरीके से पानी का छिड़काव करते हैं। इसे सैटेलाइट/जीपीएस आधारित रिमोट कंट्रोलर से संचालित किया जाता है और पूरी तरह चार्ज होने पर यह लगभग 22 मिनट तक लगातार काम करता है। इस प्रदर्शन का आयोजन स्टेशन भवन और प्लेटफॉर्म नंबर 1 के शेल्टर पर किया गया। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन द्वारा किया गया प्रदर्शन संतोषजनक रहा। हालांकि, तकनीकी टीम के साथ इसके डिज़ाइन में कुछ छोटे बदलावों पर चर्चा की गई, ताकि इसे रेलवे के अनुप्रयोगों के लिए और अधिक उपयोगी बनाया जा सके। सबसे खास बात यह है कि यह ड्रोन केवल पानी का इस्तेमाल करता है, किसी भी रसायन का नहीं, जिससे सौर पैनलों की सफाई पूरी तरह पर्यावरण अनुकूल रहती है। रेलवे का मानना है कि इस तरह की तकनीक से न केवल सौर ऊर्जा प्रणालियों की दक्षता बढ़ेगी बल्कि उनके दीर्घकालिक रखरखाव की लागत भी कम होगी। यह पहल भारतीय रेलवे को हरित ऊर्जा और नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ाने में अहम साबित होगी।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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