इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीटों के अंतर्गत आने वाले सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों में गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। हालांकि, लाखों मतदाताओं की पहचान को लेकर अभी भी संदेह बना हुआ है। रविवार को भारत निर्वाचन आयोग से प्रयागराज आए विशेष रोल प्रेक्षक और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव जेवी नागा सुब्रमण्यम ने सर्किट हाउस में डीएम मनीष कुमार वर्मा और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मतदाताओं की मैपिंग और एएसडी श्रेणी के वोटरों के सत्यापन पर विशेष जोर दिया गया। 12 विधानसभा क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में कुल 46 लाख 92 हजार 860 मतदाता दर्ज हैं। इन सभी के गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं और उनका डिजिटाइजेशन भी पूरा हो गया है। इनमें से 11 लाख 91 हजार 910 मतदाता, यानी करीब 25.40 प्रतिशत, अनुपस्थित, स्थानांतरित, डुप्लीकेट या मृतक (एएसडी) श्रेणी में चिह्नित किए गए हैं। सबसे ज्यादा 42.82 प्रतिशत एएसडी वोटर शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में पाए गए हैं। अधिकारियों का मानना है कि एएसडी श्रेणी के वोटरों की संख्या काफी अधिक है, इसलिए इसकी गहन जांच जरूरी है। जिला स्तर पर सत्यापन का काम शुरू किया गया है, जिससे कुछ क्षेत्रों में एएसडी वोटरों की संख्या में कमी भी आई है। इसके साथ ही डिजिटाइज किए गए प्रपत्रों में करीब 28 प्रतिशत मतदाताओं की अब तक मैपिंग नहीं हो पाई है। इसका मतलब है कि लगभग 13 लाख मतदाताओं के बारे में यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वे या उनके माता-पिता 2003 की एसआईआर वोटर लिस्ट में शामिल थे या नहीं। जिन मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है, उन्हें 31 दिसंबर को वोटर लिस्ट के प्रारूप प्रकाशन के बाद नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। अधिकारियों को आशंका है कि बड़ी संख्या में नोटिस जारी होने से काम बढ़ेगा और मतदाताओं को भी परेशानी होगी। विशेष रोल प्रेक्षक जेवी नागा सुब्रमण्यम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक मतदाताओं की मैपिंग पूरी करने का प्रयास किया जाए। बैठक के बाद उन्होंने करछना विधानसभा क्षेत्र के कई बूथों पर जाकर भौतिक सत्यापन भी किया।
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