प्रयागराज में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मिलावटी और अधोमानक खाद्य सामग्री बेचने वाले 20 कारोबारियों पर कुल 15 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई त्योहारों के मौसम में की गई है। जांच में सिंघाड़े का आटा, बेसन, पापड़, रस्क, कुल्फी, मिष्ठान, स्नैक्स और सॉस जैसे उत्पादों के नमूने फेल हो गए थे। विभाग के अनुसार, प्रयोगशाला रिपोर्ट में इन खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई गई थी। इसके बाद न्यायालय में मामले साबित होने पर यह दंड लगाया गया। कई प्रतिष्ठानों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। सबसे बड़ा जुर्माना 1.80 लाख रुपये रामभवन चौराहा निवासी प्रदीप कुमार अग्रहरि और कानपुर के दादानगर स्थित सॉस निर्माता नीलम कृपा पर संयुक्त रूप से लगाया गया है। इतनी ही राशि का जुर्माना फ्रूट रस्क में मिथ्याछाप और गुणवत्ता दोष मिलने पर लूकरगंज निवासी अजय मध्यान और संध्या मध्यान पर भी लगा। कुल्फी अधोमानक पाए जाने पर इंद्र कुमार मध्यान पर 1.50 लाख रुपये का दंड लगाया गया। इसके अतिरिक्त, जीरा पपड़ी में मिथ्याछाप मिलने पर हीवेट रोड स्थित स्टेट्समैन हाउस के संचालक राशिद सगीद पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगा। सिंघाड़े का आटा अधोमानक पाए जाने पर साउथ मलाका के दीपक सेठी पर 80 हजार रुपये, बेसन अधोमानक मिलने पर नखास कोहना के विभु केसरवानी पर 80 हजार रुपये और अरहर दाल की घटिया गुणवत्ता के लिए तेलियरगंज के संकेत जायसवाल पर 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। अन्य प्रतिष्ठानों पर 65 हजार, 60 हजार, 50 हजार और 5 हजार रुपये तक के जुर्माने लगाए गए हैं। सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय सुशील कुमार सिंह ने बताया कि सभी कारोबारियों को 30 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि चालान के माध्यम से जमा करनी होगी। ऐसा न करने पर आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी कर वसूली की जाएगी। विभाग ने कहा कि त्योहारों के दौरान मिलावटी उत्पादों की बिक्री बढ़ जाती है, और कई व्यापारी अधिक मुनाफे के लिए ग्राहकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं। दूध और दुग्ध उत्पादों के नमूने फेल होने पर छह कारोबारियों पर 60-60 हजार रुपये और एक अन्य पर 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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