प्रयागराज के मऊआइमा नगर पंचायत के मुस्तफाबाद में भूमाफिया ने सरकारी जमीन पर कब्जा जमाकर फर्जी दस्तावेज बनाए और तीन बीघा 11 बिस्वा जमीन बेच दी। 1984 से गायब दस्तावेजों का मामला जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से खुला। पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की। खसरा नंबर 4712/1 में आने वाली तीन बीघा 11 बिस्वा सरकारी जमीन और इसी गाटे के 4712/2 में 10 बिस्वा शत्रु संपत्ति पर माफिया ने हाथ साफ कर दिया। शत्रु संपत्ति वाला हिस्सा पाकिस्तान चले गए नागरिक ने बेचा था। अच्छी लोकेशन वाली इस जमीन को 1984 में दस्तावेज गायब कर बेच दिया गया। क्षेत्र भूमाफिया का गढ़ होने से कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिछले दिनों मामला डीएम मनीष कुमार वर्मा तक पहुंचा। उन्होंने एसडीएम सोरांव ज्ञानेंद्र सिंह को नए दस्तावेज तैयार करने के निर्देश दिए। लेखपाल राज कुमार सागर ने पुराने नक्शे से पैमाइश कराई, तो कब्जे का खुलासा हुआ। लेखपाल ने मऊआइमा थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने FIR नहीं दर्ज की। तहसीलदार ने भी पत्र लिखा, सहायक पुलिस आयुक्त ने डीसीपी गंगानगर को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। शत्रु संपत्ति वाले 10 बिस्वा पर 10 लोगों के खिलाफ नामजद FIR हो चुकी है, लेकिन बाकी सरकारी जमीन के मामले में पुलिस चुप है। एसडीएम ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा दो मामलों में मुकदमा दर्ज हो चुका। बाकी पर पत्राचार चल रहा है।
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