जिले की ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की लापरवाही पर ऑडिट में आई आपत्तियों के मामले में डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानों और पूर्व प्रधानों को बार-बार नोटिस दिए गए, लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया। अब ऐसे लोगों को अगले प्रधान चुनाव के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) नहीं मिलेगा।पंचायतों में सभी विकास कार्य प्रधानों के माध्यम से ही कराए जाते हैं और भुगतान भी उनके डोंगल से होता है। पिछली और वर्तमान पंचायतों के कई कार्यों के ऑडिट में अनियमितताएं पाई गईं। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने संबंधित प्रधानों व पूर्व प्रधानों को कई नोटिस जारी किए, मगर कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया।डीपीआरओ ने डीएम को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा, जिस पर डीएम ने साफ आदेश जारी कर दिया। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि जवाब न देने वालों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। इससे पंचायत स्तर पर पारदर्शिता बढ़ेगी और विकास कार्यों में लापरवाही पर अंकुश लगेगा।जिले में सैकड़ों पंचायतें हैं, जहां ऐसी आपत्तियां आम हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम भविष्य में जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
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