उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन से संबद्ध ऐक्टू के आह्वान पर सोमवार को प्रयागराज में सैकड़ों आशा और आशा संगिनी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। बालसन चौराहा से जिलाधिकारी कार्यालय तक चेतावनी मार्च निकाला गया। कार्यकर्ताओं ने 21,000 रुपये मानदेय सहित अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मांगें न माने जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी। जिलाधिकारी कार्यालय पर हुए प्रदर्शन के दौरान ऐक्टू के प्रदेश सचिव अनिल वर्मा ने कहा कि प्रदेशभर की आशाएं और संगिनियां वर्षों से शासन-प्रशासन की वादाखिलाफी का सामना कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 से लंबित प्रोत्साहन राशियों और मानदेय का भुगतान न होने के कारण हजारों आशा कार्यकर्ता आर्थिक संकट में हैं, जबकि वे केंद्र और राज्य सरकार की कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं में योगदान देती हैं। वर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि आयुष्मान कार्ड, गोल्डन कार्ड और आभा आईडी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में आशाओं के योगदान के लिए 225 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि 6 अक्टूबर और 13 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को भेजे गए ज्ञापनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 1 नवंबर को किए गए पूर्ण कार्यबंदी आंदोलन के बाद भी शासन ने न तो भुगतान किया और न ही वार्ता के लिए बुलाया। मार्च के दौरान आशाओं ने जिलाधिकारी को 14 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। इसमें वर्षों से लंबित प्रोत्साहन राशि का भुगतान, आशा और आशा संगिनी को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन लागू कर आशा के लिए 21,000 रुपये और संगिनी के लिए 28,000 रुपये मानदेय तय करना, ईपीएफ, ईएसआई की सदस्यता, सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा व 50 लाख का जीवन बीमा, कार्य की सीमा का निर्धारण और बेहतर कार्यदशा सुनिश्चित करना, तथा संगिनी कार्यकर्ताओं को यात्रा भत्ता या स्कूटी उपलब्ध कराना जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं। आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने 15 दिसंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं कीं, तो प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। इस प्रदर्शन में जिले के सभी ब्लॉकों से भारी संख्या में आशा और आशा संगिनी कार्यकर्ता शामिल हुईं।
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