प्रयागराज के मदरसा दारुल उलूम ख्वाजा गरीब नवाज में आतंकवाद और उसके दुष्प्रभावों पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम तकनीकी एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित ‘आतंकवाद के विरुद्ध राष्ट्रीय जन जागरण कार्यक्रम’ के तहत हुआ। इस दौरान आतंकवाद से राष्ट्र, समाज और संस्कृति की रक्षा की सामूहिक शपथ भी दिलाई गई। क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज सुरेंद्र यादव भी इस अवसर पर मौजूद रहे। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मदरसा के प्रधानाचार्य मो. महमूद आलम ने कहा कि आतंकवाद की जड़ें पूरे विश्व में फैल चुकी हैं। यह किसी एक देश या समाज की समस्या नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है। उन्होंने आतंकवाद को एक ‘मानसिक बीमारी’ बताया और कहा कि इसके खिलाफ जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। उनके अनुसार, आपसी विश्वास, भाईचारे और संवाद से ही देश में फैलते आतंकवाद को समाप्त किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा, काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने आतंकवाद को देश और विश्व के लिए गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि इसे रोकने में युवाओं और छात्रों की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से सजग रहने, अपने आसपास की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और किसी भी असामाजिक तत्व की जानकारी तुरंत प्रशासन व सरकार तक पहुंचाने की अपील की। संस्था के अध्यक्ष आशीष रंजन जौहरी ने कहा कि आतंकवाद के कारण समाज में आपसी विश्वास और प्रेम की भावना कमजोर हो रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि कुछ गिने-चुने लोगों की वजह से पूरे समाज को बदनाम होना पड़ता है। जौहरी ने देश की ‘अनेकता में एकता’ की परंपरा को बनाए रखने पर जोर दिया, जिसे उन्होंने हमारी सबसे बड़ी ताकत बताया। संगोष्ठी में मदरसा के छात्रों, शिक्षकों और अन्य प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाना और समाज में आपसी विश्वास को मजबूत करना था। कार्यक्रम का संचालन सौरभ यादव ने किया।
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