प्रयागराज नगर निगम में सफाई कर्मचारियों को सफाई नायक के पद पर प्रमोशन देने के लिए आयोजित की गई परीक्षा अब विवादों में घिर गई है। परीक्षा में शामिल हुए सफाई कर्मियों ने धांधली और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए नगर निगम परिसर में जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। सफाई मजदूर एकता मंच के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी शामिल रहे। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि प्रमोशन परीक्षा में कुल 68 सफाई कर्मचारियों ने भाग लिया था। परीक्षा के बाद नगर निगम की दीवार पर जिन कर्मचारियों को सफल घोषित किया गया, उनकी एक सूची चस्पा की गई। लेकिन इस सूची पर न तो नगर निगम की आधिकारिक मोहर है और न ही किसी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर। इसी को लेकर सफाई कर्मियों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं और सूची की प्रामाणिकता पर संदेह जताया है। सफाई कर्मियों का आरोप है कि यह कथित सूची धन उगाही के उद्देश्य से लगाई गई है, ताकि प्रमोशन के नाम पर कर्मचारियों से अवैध वसूली की जा सके। कर्मचारियों ने इस मामले में नगर आयुक्त कार्यालय का घेराव कर पूरे प्रकरण की स्थिति स्पष्ट किए जाने और वास्तविक, अधिकृत सूची जारी करने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नगर निगम प्रशासन ने मामले में पारदर्शिता नहीं दिखाई और स्थिति साफ नहीं की गई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। यहां तक कि शहर की सफाई व्यवस्था ठप कर आंदोलन करने के लिए भी मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी। अपनी मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों ने नगर आयुक्त को सात सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा है। इसमें आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों को कम से कम 20 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने, आउटसोर्सिंग सफाई नायकों के स्थान पर नियमित सफाई नायकों की नियुक्ति करने, मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार महाकुंभ में कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को 10 हजार रुपये बोनस देने की मांग शामिल है। इसके अलावा 2006 में नियुक्त संविदा सफाई कर्मियों को नियमित किए जाने की मांग की।
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