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प्रयागराज के 23 थानों में बनी क्रिटिकल कॉरिडोर टीम:सड़क हादसों में घायल को राहत पहुंचाने के साथ कारणों पर भी तैयार करेंगी विस्तृत रिपोर्ट

प्रयागराज में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं और इनमें हो रही मौतों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुलिस प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिले के 23 थाना क्षेत्रों में क्रिटिकल कॉरिडोर टीम का गठन किया गया है। यह टीमें सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम, त्वरित सहायता, कारणों की जांच और प्रवर्तन की कार्रवाई करेंगी। उद्देश्य प्रयागराज को सड़क हादसों के मामले में ‘जीरो फेटेलिटी जिला’ बनाना है। सर्वे में प्रयागराज तीसरे नंबर पर हाल ही में देशभर में हुए एक सर्वे में 100 ऐसे जिलों को चिन्हित किया गया, जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 20 जिले शामिल हैं। इस सूची में हरदोई पहले स्थान पर है, जबकि प्रयागराज तीसरे नंबर पर है। इसी को देखते हुए डीजीपी स्तर से जीरो फेटेलिटी अभियान की शुरुआत की गई। 71 क्रिटिकल क्रैश लोकेशन, 34 ब्लैक स्पॉट चिन्हित अभियान के तहत प्रयागराज में कुल 71 क्रिटिकल क्रैश लोकेशन और 34 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। ये वे स्थान हैं, जहां सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं या पहले गंभीर हादसे हो चुके हैं। इसके अलावा एनएच-30 और एनएच-35 पर दो क्रिटिकल कॉरिडोर भी आइडेंटिफाई किए गए हैं। 23 थानों में क्रिटिकल कॉरिडोर टीम का गठन फ्लैश प्वाइंट और ब्लैक स्पॉट को आधार बनाकर जनपद के 23 थाना क्षेत्रों में क्रिटिकल कॉरिडोर टीम बनाई गई है। हर टीम में एक सब इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल शामिल हैं, जो निर्धारित क्षेत्र में सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। दुर्घटना की सूचना पर तुरंत पहुंचेगी टीम किसी भी सड़क दुर्घटना की सूचना मिलते ही संबंधित क्रिटिकल कॉरिडोर टीम मौके पर पहुंचेगी। टीम सबसे पहले घायलों को त्वरित चिकित्सीय सहायता दिलाएगी और उसके बाद दुर्घटना के कारणों की गहन जांच करेगी। जांच रिपोर्ट से होंगे स्थायी सुधार दुर्घटना के कारणों पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों के माध्यम से संबंधित विभागों जैसे पीडब्ल्यूडी, नगर निगम आदि को भेजी जाएगी। इसके जरिए सड़क, प्रकाश व्यवस्था, संकेतक या अन्य तकनीकी खामियों को दूर कराने की कार्रवाई की जाएगी। ब्लैक स्पॉट पर प्रवर्तन और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई क्रिटिकल कॉरिडोर टीमें शाम के समय फ्लैश प्वाइंट और ब्लैक स्पॉट क्षेत्रों में प्रवर्तन अभियान चलाएंगी। अवैध पार्किंग, अतिक्रमण और यातायात नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी, ताकि दुर्घटनाओं की आशंका कम हो सके। 28 टीमें, 20 किमी एरिया ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी एडीसीपी ट्रैफिक पुष्कर वर्मा ने बताया कि जिले में कुल 28 क्रिटिकल कॉरिडोर टीमें बनाई गई हैं। जिन थाना क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट ज्यादा हैं, वहां दो-दो टीमें तैनात की गई हैं। प्रत्येक टीम का एरिया ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी करीब 20 किलोमीटर निर्धारित किया गया है। सड़क दुर्घटनाओं में मौतों पर अंकुश है लक्ष्य पुलिस प्रशासन का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों में प्रभावी कमी लाना है। क्रिटिकल कॉरिडोर टीमों के गठन को सड़क सुरक्षा की दिशा में एक अहम और निर्णायक कदम माना जा रहा है।


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