प्रयागराज के नैनी कोतवाली मालखाने से एक लाइसेंसी रिवाल्वर गायब होने का मामला सामने आया है। रिवाल्वर गायब होने के बाद कोतवाली में हड़कंप मच गया है। सवाल यह है कि सील बंद मालखाने के अंदर से रिवाल्वर गई कहां। मामले में नैनी इंस्पेक्टर ब्रज किशोर गौतम ने बर्खास्त हेड मोहर्रिर राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ (IPC) की धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही टीम गठित कर जांच शुरू करा दी है। नैनी एडीए कॉलोनी के रहने वाले पप्पू उर्फ राहमत अली पुत्र महमूद अली की लाइसेंसी रिवाल्वर को जिलाधिकारी ने 5 जुलाई 2023 को एक पत्र संख्या 647/रीडर-2023 के माध्यम से अवमुक्त करने का आदेश दिया था। राहमत अली ने इस संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या 42670/2025 भी दायर की है। उस दौरान नैनी थाने के सीलशुदा मालखाने का चार्ज मौजूदा हेड मोहर्रिर अशोक कुमार यादव को सौंपने के लिए पहले ही एक टीम गठित की गई थी। इस टीम में सहायक पुलिस आयुक्त करछना अरुण कुमार त्रिपाठी (अध्यक्ष), प्रतिसार निरीक्षक द्वितीय प्रवीण कुमार सिंह (सदस्य) और प्रभारी निरीक्षक नैनी बृजकिशोर गौतम (सदस्य) शामिल थे। मालखाने में तलाशी पर नहीं मिली रिवाल्वर गठित टीम ने 3 दिसंबर 2025 को नैनी थाने का सीलशुदा मालखाना खुलवाकर लाइसेंसी रिवाल्वर एफजी 39132 की तलाश की। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई और जीडी में रपट संख्या 53 समय 19:15 पर दर्ज की गई। हालांकि, संदर्भित रिवाल्वर मालखाने में नहीं मिली। प्रभारी निरीक्षक ब्रज किशोर गौतम द्वारा बर्खास्त हेड मोहर्रिर राजेंद्र प्रसाद से इस मामले में बात की गई। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि वह बीमार हैं और रिवाल्वर मालखाने में ही होगी, लेकिन वह उसे देने के लिए नहीं आ पाएंगे। वहीं जांच टीम को यह लगा कि राजेंद्र प्रसाद ने जानबूझकर लाइसेंसी रिवाल्वर को नहीं दिया है और उसे गायब कर दिया है। यह आईपीसी की धारा 409 के तहत एक बड़ा अपराध किया है। जिसके आधार पर राजेंद्र प्रसाद पुत्र भगौली प्रसाद, निवासी बाकरगंज, थाना पश्चिम शरीरा, कौशांबी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। थाने के मालखाने से 24 लाख उड़ाकर बेटे को लड़ाया प्रधानी का चुनाव प्रयागराज के नैनी थाने के मालखाने में रखे एक करोड़ बासठ लाख रुपयों मे से पचीस लाख रुपये गायब होने के मामले में खुलासा हुआ था। मालखाने में चार तालों की सुरक्षा के बीच से थाने के ही मुंशी राजेंद्र ने धीरे-धीरे लाखों रुपये को पार कर दिया था।
इतना ही नहीं थाने के मालखाने में जमा रूपये से रकम उड़ाकर उसने उसी पैसे से अपने बेटे को प्रधानी का चुनाव भी लड़ा दिया था।
कौशांबी के पश्चिम शरीर के रहने वाले राजेंद्र कुमार ने बेटे के चुनाव प्रचार में काफी रकम खर्च की थी। गांव वाले इस बात से हैरान थे कि सिपाही की नौकरी करने वाले राजेंद्र के पास इतने पैसे आये कहां से? हालांकि उनका बीटा चुनाव हार गया था। पूरे मामले में पहले तो राजेंद्र अधिकारीयों को गुमराह करता रहा लेकिन जब सख्ती बरती गई तो वह टूट गया और सारी बातें बता दी। अब जानिए कैसे हुआ था खुलासा
दरअसल पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब रुपयों के मालिक ने थाने से रिलीज कराने के लिये कोर्ट से आर्डर लेकर आया था। कोर्ट का आर्डर लेकर जब युनिवर्सल मल्टी स्टेट क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी के एमडी थाने से रुपये रिलीज कराने पहुंचे तब खुलासा हुआ कि थाने के मालखाने की चाभी लेकर मुंशी तीन महीने से गायब है।
मुंशी राजेन्द्र प्रसाद भदोही तबादला होने के बावजूद मालखाने की चाबी नही सौंप रहा था। जिसके बाद पुलिस की टीम ने मुंशी के घर दबिश देकर उसको चाभी के साथ पकड़कर थाने लायी। जहां अफसरो की निगरानी मे मालखाने का ताला खोलकर रुपयों के बक्से को बाहर निकाला गया था। इस दौरान बक्से का सील टूटा हुआ था। जब उनकी गिनती की गई तो एक करोड़ बासठ लाख में से चौबीस लाख पचास हजार रुपये कम पाये गए थे। जिसके बाद मुंशी राजेन्द्र कुमार को हिरासत मे ले लिया गया औऱ उसके खिलाफ उसी के थाने मे ही केस दर्ज कर लिया गया था। पुलिस अब मुंशी को रिमांड पर लेकर गायब रुपयों के बरमादगी का प्रयास करेगी। बताया जा रहा है कि मुंशी ने थाने के मालखाने से लाखो रुपये पार करके जमीन खरीदकर संपत्ती भी बना ली थी। वर्ष 2014 में क्राइम ब्रांच की टीम ने युनिवर्सल मल्टी स्टेट क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी के एमडी की शिकायत पर कंपनी के तीन मैनेजरो को हिरासत मे लेकर उनके पास से कंपनी का एक करोड़ बासठ लाख रुपये बरामद कर उसे नैनी थाने के मालखाने में जमा कराया था कंपनी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से क्लीन चिट मिलने के बाद एमडी नैनी थाने से रुपये रिलीज कराने पहुंचे तो इस पूरे गोलमाल का खुलासा हुआ था।
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