सीतापुर के महोली तहसील क्षेत्र के पाताबोझ गांव की गोशाला में मृत गोवंशों को नियम विरुद्ध तरीके से दफनाने का मामला सामने आया है। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें प्रधान प्रतिनिधि गौशाला के मजदूरों से मारपीट करते दिख रहे हैं। किसान नेता और गौरक्षा संगठन से जुड़े लोगों ने एसडीएम से शिकायत की है, जिसके बाद एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पाताबोझ गांव की प्रधान लज्जावती हैं और उनके पति आजाद प्रधान प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं। किसान संगठन के नेता शैलेंद्र राज ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों से गौशाला की बदहाली और मृत गोवंशों को गलत तरीके से दफनाने की शिकायतें मिल रही थीं। जांच के लिए शैलेंद्र राज जब कुछ लोगों के साथ गौशाला पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि कई मृत गोवंशों को गौशाला के पास छोटे गड्ढों में दबाया गया था। इन गोवंशों को दफनाने के लिए न तो पर्याप्त गहराई के गड्ढे खोदे गए थे और न ही नमक जैसे आवश्यक पदार्थों का उपयोग किया गया था। एक मृत गोवंश तो बिना मिट्टी के ही एक गड्ढे में पड़ा मिला। शैलेंद्र राज ने इसकी तस्वीरें लीं और मजदूरों से पूछताछ की। मजदूरों ने बताया कि सामग्री और संसाधन की कमी के कारण वे ऐसा करने को मजबूर थे। इसी दौरान एक मजदूर ने इस स्थिति की सूचना प्रधान प्रतिनिधि आजाद को दी। मौके पर पहुंचे आजाद मृत गोवंशों की फोटो खींचे जाने की बात पर भड़क गए और मजदूरों को अपशब्द कहते हुए उनकी पिटाई करने लगे। शैलेंद्र राज के साथियों ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। यह वीडियो कुछ दिन पुराना बताया जा रहा है। शैलेंद्र राज ने इस पूरे मामले की शिकायत एसडीएम देवेंद्र मिश्र से की है। एसडीएम ने मामले की जांच के लिए लेखपाल को निर्देश दिए हैं। प्रधान प्रतिनिधि आजाद ने अपने बचाव में कहा कि दो गोवंश मृत हो गए थे। मजदूरों ने एक गोवंश को गड्ढे में रखा था और दूसरे को लाने गए थे, तभी कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया।
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