गाजीपुर के दिलदारनगर में टिसौरा ग्राम प्रधान बिंदु देवी के पुत्र विश्वकर्मा राम की जमीन विवाद में हुई हत्या के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद भी रहस्य बरकरार है। रिपोर्ट में केवल सिर में चोट का उल्लेख होने से मृत्यु का स्पष्ट कारण सामने नहीं आ सका, जिसके चलते बिसरा जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। शुक्रवार की रात पोस्टमार्टम के बाद शव पैतृक गांव पहुंचा, जहां शनिवार सुबह बलुआ घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि मृतक के छोटे भाई कालीचरण राम ने दी। इस दौरान कोतवाल रामसाजन नागर पुलिस टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे। वही घटनास्थल पर जमानिया सीओ अनिल कुमार पहुंचकर जांच पड़ताल की और घटनास्थल मृतक के दोनों बहन लालसा और मनसा बुलाकर घटना के बारे में जानकारी ली। बहनों ने अपने भाई की हत्या बताते हुए न्याय की गुहार लगाई। खेत में काम कर रहे मजदूरों से भी घटना के बारे में पूछताछ की। गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह आलमगंज माइनर के पास सड़क किनारे विश्वकर्मा राम का शव मिला था। सूचना पर पुलिस शव को थाने ले गई थी। मां बिंदु देवी की तहरीर पर गांव के ही श्यामनारायण राय, राजेंद्र राय, सच्चितानंद राय, हिमांशु राय, मुकेश राय सहित कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या व एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रधान ने जमीन में रास्ते के विवाद को लेकर पुत्र की हत्या का आरोप लगाया है। घटना के बाद स्वजन व ग्रामीणों में भारी आक्रोश था, करीब सात घंटे बाद समझाने पर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस के अनुसार मृतक के शरीर के बाईं ओर सिर से घुटने तक चोट के निशान पाए गए हैं। सीओ जमानियां अनिल कुमार ने बताया कि जून माह से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। दर्ज मुकदमे की विवेचना जारी है और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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