सीएम योगी आदित्यनाथ जिस वनटांगिया गांव को असुविधाओं के दलदल से निकालकर विकास की मुख्यधारा में लेकर आए थे, वह अब प्रदेश का पहला जल अर्पण गांव बन चुका है। हर घर जल से जल की 24 घंटे आपूर्ति के मामले में यह उपलब्धि हासिल हुई है। इस वनटांगिया गांव का नाम जंगल तिनकोनिया नंबर 3 है। 100 साल तक उपेक्षा का दंश झेलने को मजबूर रहा यह गांव विकास और गरीब कल्याणकारी योजनाओं से निखर उठा है।
सीएम योगी का इस गांव के लोगों से खासा जुड़ाव है। उन्हीं के प्रयासों से यह राजस्व गांव बना था और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने की शुरूआत भी हुई थी। वोट देने का अधिकार भी यहां के लोगों को तभी मिल सका था। सीएम योगी ने सांसद रहते इन वनटांगिया ग्रामवासियों के साथ दीपावली मनाने का जो सिलसिला शुरू किया था, वह 8 वर्षों के मुख्यमंत्री कार्यकाल में भी जारी है। गांव में आज मनाया जाएगा जल अर्पण कार्यक्रम
प्रदेश का पहला जल अर्पण गांव बनने के बाद 26 दिसंबर को इसका आधिकारिक शुभारंभ भी हो जाएगा। इसके लिए गांव में जल अर्पण कार्यक्रम मनाने की तैयारी है। इस कार्यक्रम में पाइप्ड वाटर सप्लाई के संचालन की व्यवस्था ग्राम पंचायत को सौंप दी जाएगी। मुख्य अतिथि के रूप में सांसद रविकिशन शुक्ला मौजूद रहेंगे। अगले दस वर्षों तक यहां की पेयजल परियोजना का रख रखाव, क्वालिटी मॉनिटरिंग कार्यदायी संस्था के जिम्मे होगी। गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी के अनुसार जंगल तिकोनिया नंबर तीन में ग्रामीणों को निर्बाध जलापूर्ति मिलेगी। जल जीवन मिशन के अंतर्गत वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन राज्य का ऐसा पहला गांव बन गया है जहां प्रत्येक घर में चौबीस घंटे नल से जल की आपूर्ति हो रही है। इस कारण इस गांव को जल अर्पण गांव का नाम दिया जा रहा है। जल निगम ग्रामीण की तरफ से शत प्रतिशत घरों में नल से जलापूर्ति का ट्रायल तीन महीने से चल रहा था। ट्रायल की सफलता के बाद शुक्रवार को जल अर्पण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। देश का दूसरा जल अर्पण गांव है जंगल तिकोनिया नंबर तीन
वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन यूपी का पहला और देश का दूसरा जल अर्पण गांव है। देश का पहला जल अर्पण गांव मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का कुंडीबेह है। जिस गांव के लोग राजस्व अभिलेख में नागरिक का दर्जा हासिल करने से वंचित थे, उस वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन के कायाकल्प का श्रेय योगी सरकार को है।
इस गांव को अब अति विशिष्ट गांव के रूप में जाना जाता है। इसकी वजह है मुख्यमंत्री योगी का इस गांव के प्रति विशेष अनुराग। योगी यहां वर्ष 2009 से ही बतौर सांसद यहां दीपावली मनाते हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने खुद द्वारा शुरू की गई परंपरा में रुकावट नहीं आने दी। उन्होंने वनटांगियों की बदहाली, खुशहाली में बदल दिया है। बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाया। 2017 में मुख्यमंत्री बने तो वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें शासन प्रदत्त सभी सुविधाओं का हकदार बना दिया। उन्होंने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, जैसे संसाधनों के साथ ही यहां रहने वालों को जनहित की सभी योजनाओं से आच्छादित कर दिया है।
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