देवरिया में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मंजू कुमारी ने दीवानी न्यायालय परिसर की सुरक्षा में लापरवाही पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पेशी के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के बिना अनुमति प्रवेश को लेकर न्यायालय सुरक्षा प्रभारी एसआई राजेश पांडेय से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। सीजेएम ने अपने आदेश में कहा कि 10 दिसंबर को अमिताभ ठाकुर की पेशी के दिन सुबह से ही न्यायालय परिसर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे। इस संबंध में न तो न्यायालय को मौखिक सूचना दी गई और न ही कोई लिखित अनुमति ली गई थी। उन्होंने इसे नियमों का उल्लंघन बताया। सीजेएम ने स्पष्ट किया कि न्यायालय परिसर में बिना पूर्व सूचना या अनुमति के किसी भी प्रकार की पुलिस तैनाती या प्रवेश नियमों के विरुद्ध है। यह न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इससे पहले न्यायालय परिसर में हुई चोरी की घटना की जानकारी भी सुरक्षा प्रभारी के तौर पर उन्हें नहीं दी गई थी। सीजेएम ने कहा कि ऐसे मामलों की जानकारी देना सुरक्षा प्रभारी की जिम्मेदारी होती है, लेकिन इस दिशा में गंभीर लापरवाही बरती गई। सीजेएम ने जोर देकर कहा कि न्यायालय की सुरक्षा अत्यंत संवेदनशील विषय है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि बार-बार उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने से न्यायालय की गरिमा और सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़े होते हैं। एसआई राजेश पांडेय से पूछा गया है कि बिना सूचना और अनुमति के इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी न्यायालय परिसर में क्यों तैनात थे। साथ ही, यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी समय पर न्यायालय को क्यों नहीं दी गई। सीजेएम ने चेतावनी दी है कि यदि संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला, तो मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक (एसपी) से की जा सकती है और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।इस घटनाक्रम के बाद न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
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