औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री में जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को देवरिया जिला कारागार की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। लखनऊ पुलिस ने उन्हें बुधवार को न्यायालय में पेश किया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। शुरुआत में उन्हें जेल अस्पताल में रखा गया था, लेकिन दूसरे दिन हाई सिक्योरिटी बैरक में स्थानांतरित कर दिया गया। जेल सूत्रों के अनुसार, बैरक में उनकी पहली रात बेचैनी में गुजरी। उन्हें सामान्य बंदियों की तरह तीन कंबल दिए गए, जिनमें से दो बिछाकर और एक ओढ़कर वे जमीन पर सोए। भोजन में उन्हें चावल, दाल, रोटी और पालक का साग दिया गया, जिसमें से उन्होंने एक रोटी और थोड़ा चावल ही खाया। रात के भोजन में भी उन्होंने सीमित आहार लिया। शुक्रवार सुबह चाय और चना मिलने के बाद उन्होंने नित्यक्रिया के तुरंत बाद पुनः लेखन शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, जेल में दाखिल होने के बाद से अमिताभ ठाकुर अपने पास मौजूद 50-60 ए4 साइज के सादे कागजों पर लगातार लिख रहे हैं। उनके इस निरंतर लेखन ने जेल प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की कमियों, अव्यवस्थाओं और सुविधाओं की स्थिति को विस्तार से दर्ज कर शासन को शिकायत भेज सकते हैं। दरअसल, देवरिया के पुलिस अधीक्षक रहते हुए (1998-2000) अमिताभ ठाकुर ने कई बार जिला कारागार का निरीक्षण किया था। उन्हें जेल की संरचना, सुरक्षा व्यवस्था और कमजोरियों की गहरी जानकारी है। इसी कारण उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर बनी हुई है। जेल अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नियमों के अनुसार वही सुविधाएँ दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। इस बीच, जिले और पुलिस महकमे में यह चर्चा तेज है कि जिस कारागार का कभी वे अधिकारी के रूप में निरीक्षण करते थे, आज उसी जेल में वे बतौर बंदी समय गुजार रहे हैं।
https://ift.tt/21v9shg
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply