पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गुरुवार शाम कड़ी सुरक्षा के बीच देवरिया जेल से वाराणसी ले जाया गया। उनके खिलाफ वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र में एक नया मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) न्यायालय में उनकी पेशी होनी है। देवरिया सीजेएम न्यायालय में भी उनकी जमानत याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। वाराणसी में दर्ज यह नया मामला कफ सिरप तस्करी से जुड़े प्रकरण में फर्जी वीडियो वायरल कर दुष्प्रचार करने के आरोप से संबंधित है। यह मुकदमा हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) नेता और वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के मानद सदस्य अंबरीश सिंह भोला ने दर्ज कराया है। इधर, देवरिया में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में भी अमिताभ ठाकुर की ओर से सीजेएम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई है। इस पर भी शुक्रवार को सुनवाई निर्धारित है। इस मामले को लेकर भी प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं। वाराणसी ले जाते समय जेल परिसर से बाहर निकलते वक्त अमिताभ ठाकुर ने मीडिया से बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि कफ सिरप तस्करी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी व्यक्ति के इशारे पर उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें धनंजय सिंह और उनकी टीम को बचाने के लिए फंसाया जा रहा है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि वे इस मामले में पीछे हटने वाले नहीं हैं और कफ सिरप तस्करी से जुड़े प्रकरण को न्यायालय में पूरी मजबूती से लड़ते रहेंगे। उन्होंने देवरिया जिला कारागार में अपने साथ हो रही परेशानियों का भी जिक्र किया, हालांकि इस संबंध में उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। पूर्व आईपीएस अधिकारी के खिलाफ एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होने से यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी दोनों ही दृष्टि से अहम बन गया है। शुक्रवार को वाराणसी और देवरिया की अदालत में होने वाली सुनवाई पर निगाहें टिकी हैं।
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