गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “मुझे परिस्थितिजन्य रिटायर किया गया, मेरे क्षेत्र की जनता मुझे रिटायर नहीं करना चाहती थी। मेरे बेटे को टिकट दिया गया, लेकिन जनता मुझे ही सांसद के रूप में देखना चाहती थी। मैंने उस समय पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया था। आज भी देवीपाटन मंडल की जनता मुझे सांसद के रूप में देखना चाहती है।” बृजभूषण ने आगे कहा कि उन्होंने 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है।“वैसे तो करने-धरने वाला सब ईश्वर है, लेकिन मैंने तय किया है कि 2029 का चुनाव लड़ूंगा।” ‘सपा में जाने की बातें गलत’, कहा– 1979 से सच बोलता आया हूं सपा में जाने की चर्चाओं पर उन्होंने कहा—“कयास लगाने वाले लोग गलत हैं। 1979 से राजनीति में हूं और हमेशा सच बोलता आया हूं। उस समय जिले में लोकतंत्र जैसा कुछ नहीं था। आधा जिला गुलाम था, जिसे मैंने तोड़ा। सत्य बोलना कोई गुनाह नहीं है।” 2009 में BJP क्यों छोड़ी, बृजभूषण ने खोला पुराना घटनाक्रम उन्होंने बताया कि 1989 में भाजपा ज्वाइन की थी लेकिन 2009 में पार्टी छोड़नी पड़ी। कारण बताते हुए कहा—“2004 के चुनाव के बाद मुझे अचानक बलरामपुर भेजा गया। जिले में कुछ घटनाएं हुईं, जिसका दोष मुझ पर लगा दिया गया जबकि मेरा कोई दोष नहीं था। बार-बार सीबीआई पर दबाव बनाया गया कि चार्जशीट लगाई जाए। इसी स्थिति के कारण 2009 में भाजपा छोड़नी पड़ी।” उन्होंने कहा कि सपा में रहने के बावजूद वह भाजपा की ही बातें करते थे और हमेशा सच बोलते रहे। बाद में 2014 में वे फिर भाजपा में लौट आए। ‘मेरे आने से बढ़ी भाजपा की सीटें’ बृजभूषण ने दावा किया—“मैं यह नहीं कहता कि यह मेरे कारण हुआ, लेकिन जब तक मैं भाजपा में नहीं आया था, गोंडा और बहराइच में भाजपा को एक-एक सीट मिलती थी। जब मैंने पार्टी छोड़ी, तो सपा को 17 सीटें मिलीं। 2017 में जब मैं भाजपा में आया, तो पार्टी को 18 सीटें मिलीं। यह भी सत्य है।” ‘संदेश देने की कोशिश?’— पूछे जाने पर कहा: जो समझना हो समझ लें एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा—“अब जो आपको लगाना हो लगा लीजिए। मैसेज क्या है, यह आपका समझने का काम है। हम कुछ नहीं कहेंगे।”
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