जौनपुर में कफ सिरप तस्करी प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच से जुड़ी खबरों पर शाहगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व समाजवादी पार्टी विधायक शैलेन्द्र यादव उर्फ ललई यादव ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि बिना नाम स्पष्ट किए प्रकाशित खबरों से उनकी सामाजिक और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा है। मीडिया से बातचीत में पूर्व विधायक शैलेन्द्र यादव ने बताया कि शाहगंज विधानसभा क्षेत्र से अब तक केवल दो ही समाजवादी पार्टी के विधायक चुने गए हैं, जिनमें वे अंतिम विधायक रहे हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद आम जनता स्वाभाविक रूप से उन्हें ही “पूर्व विधायक” के रूप में पहचानती है। ललई यादव ने स्पष्ट किया कि उनका कफ सिरप तस्करी या किसी भी प्रकार के अवैध कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो उनके और उनके परिवार के पिछले दस वर्षों के बैंक खातों की भी जांच कराई जाए। उन्होंने जांच एजेंसियों से अपील की कि कफ सिरप तस्करी मामले की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाए और जो भी दोषी पाए जाएं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों का जिक्र करते हुए यह भी सवाल उठाया कि अब तक जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई और बुलडोजर क्यों नहीं चला। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार से मांग है कि जिन लोगों के नाम इस प्रकरण में आए हैं, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है और जिनके लेनदेन खातों में साबित होते हैं, उनके खिलाफ बिना जाति, धर्म या राजनीतिक दल का भेदभाव किए कार्रवाई करनी चाहिए।
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