झांसी में पूर्व सपा विधायक दीपनारायण यादव की तलाश में सोमवार को 5 पुलिस टीमों ने एक साथ 5 स्थानों पर छापेमारी की। इसमें दीपनारायण का मून सिटी स्थित घर, सिविल लाइन में भाई के घर, सीपरी बाजार में फार्म हाउस, मोंठ में रिश्तेदारी समेत 5 संभावित ठिकाने शामिल थे। हालांकि दीपनारायण पुलिस के हाथ नहीं आए। एक दिन पहले ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दीपनारायण के समर्थन में बयान दिया था। कहा था कि एक पुलिस अफसर ने हमारे पूर्व विधायक पर 32 हजार रुपए की डकैती का केस लगा दिया। वो पुलिस अधिकारी स्क्रैप माफिया है। हम तो इसलिए नहीं बोल रहे हैं कि वो लोग दीपनारायण का नुकसान करेंगे। रविवार देर रात मोठ थाना प्रभारी अखिलेश द्विवेदी को हटाया गया था। उनके स्थान पर राजेश पाल सिंह को मोठ प्रभारी लगाया गया है। सोमवार को दीपनारायण की तलाश में पुलिस अफसरों ने लगभग 50 पुलिसकर्मियों को लेकर एक साथ 5 स्थानों पर दबिश दी। पहले डकैती का वो केस पढ़िए, जिसमें पूर्व विधायक की तलाश भुजौंद गांव निवासी प्रेम सिंह पालीवाल ने 20 नवंबर 2025 को मोठ थाने में केस दर्ज कराया। जिसमें बताया- उसकी पुस्तैनी जमीन पूर्व विधायक दीपनारायण यादव के मून इंटरनेशनल स्कूल के बगल में है। आरोप है कि उसके भाई और मां की जमीन पूर्व विधायक ने जबरन लिखवा ली। अब उसके हिस्से की जमीन लेना चाहते हैं। मना करने पर स्कूल बुलाकर पिटवाया। तब मोठ थाने में पूर्व विधयक और उसके गुर्गों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। तब से उसे लगातार धमकाया जा रहा है। 2 नवंबर 2025 को वह पैदल मोठ बाजार की तरफ जा रहा था। रास्ते में दो फार्च्यूनर से पूर्व विधायक, अनिल यादव उर्फ मामा व 3 अज्ञात व्यक्ति आए। घेरकर असलहा तान दिया और पूर्व विधायक ने 3 थप्पड़ मारे। जेब से 32 हजार रुपए निकाल लिए। धमकी दी कि एक महीने के अंदर 20 लाख रुपए दो, जमीन की रजिस्ट्री कराओ और मुकदमा वापस ले लो। नहीं तो गोली मार देंगे। इस मामले में पुलिस ने 25 नवंबर को पूर्व विधायक के करीबी अशोक गोस्वामी को गिरफ्तार किया था। उससे 35 लाख रुपए कैश बरामद हुए थे। अब पढ़िए सपा प्रमुख ने क्या कहा था?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए एक पुलिस अफसर पर निशाना साधा था। कहा था- एक पुलिस अधिकारी हमारी पार्टी के पूर्व विधायक दीपक उर्फ दीपनारायण यादव पर 32 हजार रुपए की डकैती का केस लगा रहे हैं। वो पुलिस अधिकारी वहां का स्क्रैप माफिया है, जो ये केस लगवा रहा है। हम तो इसलिए नहीं बोल रहे हैं कि वो लोग दीपक का नुकसान करेंगे। वो भ्रष्ट अधिकारी है। वह जब नोएडा से गया था तो नोएडा में खुशी मनी थी। किसी से भी जानकारी कर लीजिए। क्योंकि वो सजातीय है, इसलिए संरक्षण मिल रहा है। ये वही है, जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव कन्नौज में समाजवादी पार्टी को हरवाया था। सजातीय लोग ऊपर से नीचे तक नेटवर्ट में बैठे हुए थे। अखिलेश का यह बयान रविवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। तमाम लोगों ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी इस वीडियो को शेयर किया है।
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