हमीरपुर के राठ कोतवाली क्षेत्र से 54 दिनों से लापता भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह किसान को पुलिस ने 55वें दिन लखनऊ से बरामद कर लिया है। वह लखनऊ के दुबग्गा क्षेत्र में एक मकान में छिपे हुए मिले। पुलिस उन्हें हमीरपुर ला रही है, जहां उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यह मामला 18 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जब प्रीतम सिंह के पेट्रोल पंप पर हुए विवाद के बाद पुलिस उन्हें थाने ले गई थी। अगले ही दिन पुलिस ने उन्हें उनके बेटे राघवेंद्र के सुपुर्द कर दिया था और उनकी लाइसेंसी रिवॉल्वर भी लौटा दी थी। हालांकि, प्रीतम सिंह ने इसे अपना अपमान समझा और पुलिस को सबक सिखाने के लिए खुद के लापता होने की योजना बनाई। इससे पुलिस पूरी तरह उलझ गई थी। इस बीच, 28 नवंबर को प्रीतम सिंह के भाई वीर सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस को उन्हें पेश करने का आदेश दिया, जिसके बाद पुलिस पर दबाव बढ़ गया। दबाव में आकर पुलिस ने 31 अक्टूबर को उनके पेट्रोल पंप की भी तलाशी ली, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। 8 दिसंबर को एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुईं। कोर्ट ने पुलिस को एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया, जिसके बाद पुलिस की टीमें और अधिक सक्रिय हो गईं। आखिरकार, शुक्रवार को पुलिस को सफलता मिली और प्रीतम सिंह को लखनऊ के दुबग्गा क्षेत्र से बरामद कर लिया गया। हमीरपुर की एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें हमीरपुर लाया जा रहा है और उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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