प्रयागराज के एयरपोर्ट क्षेत्र में पूर्व प्रधान के भाई को ईंट-भट्ठे में डंफर से रौंदने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने डंफर के अज्ञात चालक पर मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही उसकी तलाश भी शुरू कर दी है। जबरन रात में ड्यूटी के लिए बुलाया
रिपोर्ट मृतक के बेटे सुनील कुमार की तहरीर पर दर्ज की गई है। इसमें उसने बताया है, वह कादिरपुर, काठगांव थाना एयरपोर्ट का स्थाई निवासी है। मेरे पिता 52 साल के रविंद्र प्रसाद शान ब्रिक फील्ड 757 पुत्र स्व. हुबलाल जिसकी उम्र 52 वर्ष, अनुसूचित जाति (धोबी) ईट भट्ठा में दिन में चौकीदारी करता थे। 23 दिसंबर को भट्ठा मालिक अहमद निवासी अहमदपुर असरौली व मुंशी रामचन्द्र पाल ने जबरन उसके पिता को चौकीदारी के लिए रात में बुला लिया। डंफर ने कुचला, मुंशी-मालिक छोड़कर भागे
इसी दौरान भट्ठे पर चल रहे डंफर, जिसका मालिक भूपेन्द्र सिंह उर्फ बाबा निवासी चिरला मुंजफ्ता है, के चालक ने उन्हें कुचल दिया। अगली सुबह मजदूर पहुंचे तो परिजनों को सूचना मिली। इससे पहले घटना के बाद मुंशी व मालिक लहुलुहान हाल में पिता को छोड़कर भाग निकले। एयरपोर्ट थानाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। चालक की तलाश की जा रही है। यह है पूरा मामला
52 साल के रविंद्र कुमार कादिलपुर के रहने वाले थे। उनके बड़े भाई वीरेंद्र कुमार गांव के प्रधान रह चुके हैं। बेटे सुनील ने बताया, पिताजी गांव में स्थित अहमद के भट्ठे में चौकीदारी करते थे। रोज की तरह मंगलवार रात भी वह भट्ठे पर गए। वहां रात 12 बजे के करीब संदिग्ध हाल में उन्हें डंफर ने कुचल दिया। इसके बाद मुंशी और मालिक उन्हें लहुलुहान हाल में वहीं तड़पता छोड़कर भाग निकले। मजदूरों ने हंगामा किया था
बुधवार सुबह सात बजे के करीब काम करने मजदूर भट्ठे पर पहुंचे तो देखा कि रविंद्र मृत पड़े थे। यह देखकर उन्होंने हंगाम शुरू कर दिया। जानकारी पर मुंशी रामचंद्र पहुंचाऔर इसके बाद जानकारी दी गई तो वह अन्य परिजनों के साथ मौके पर पहुंचा। वहां देखा कि पिता का सिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था। पुलिस ने शव मर्चरी भेजवाना चाहा तो घरवालों ने विरोध कर दिया। उनका कहना था कि मामले में एफआईआर दर्ज हो, परिजनों को पांच लाख मुआवजा दिया जाए तब ही शव उठने दिया जाएगा। पुलिस मान-मनौव्वल में जुटी रही लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं हुए। नौ घंटे तक शव नहीं उठने दिया गया। बाद में भट्ठा मालिक आया और आर्थिक मदद दी। इसके साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने मांगों के संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन शांत हुए और फिर शाम चार बजे के करीब शव मर्चरी भेजा गया।
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