फर्रुखाबाद विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए न्यायालय ज्ञानेंद्र कुमार प्रथम ने पूर्व बसपा प्रत्याशी मनोज अग्रवाल को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में दोषमुक्त कर दिया है। यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. दीपक द्विवेदी ने इस मामले में पैरवी की। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया था। 15 अप्रैल 2019 को इटावा-बरेली हाईवे स्थित मेजर रंजीत सिंह मेडिकल कॉलेज में जिला प्रशासन की अनुमति से एक कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक की अनुमति दी गई थी। आरोप था कि कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं को नाश्ते के पैकेट वितरित किए गए, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। इस पर वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी शिव प्रकाश ने 25 अप्रैल 2019 को मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचक राम लखन ने 8 जुलाई 2019 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। लगभग छह वर्षों तक चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने मनोज अग्रवाल को दोषमुक्त घोषित किया। इस फैसले से उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। पूर्व एमएलसी की पर भी कर रहे वरिष्ठ वकील दीपक द्विवेदी ने बताया आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व बसपा प्रत्याशी को बरी कर दिया गया है।
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