देवरिया में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी पर सोमवार को होने वाली सुनवाई टल गई। अब यह मामला मंगलवार, 16 दिसंबर को देवरिया स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) न्यायालय में सुना जाएगा। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने बहस के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुनवाई टलने का कारण देवरिया न्यायालय में शोक प्रस्ताव रहा। वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश कुमार श्रीवास्तव के निधन के चलते न्यायालय में शोक सभा आयोजित की गई, जिसके कारण सोमवार को सभी न्यायिक कार्य स्थगित कर दिए गए। यह मामला लखनऊ के गोमतीनगर स्थित विराम खंड निवासी पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर से जुड़ा है। आरोप है कि वर्ष 1999 में देवरिया में एसपी पद पर तैनाती के दौरान उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लॉट अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम से खरीदा था। आरोप के अनुसार, प्लॉट की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम नूतन ठाकुर के स्थान पर नूतन देवी और पति का नाम अमिताभ ठाकुर के स्थान पर अभिजात दर्ज कराया गया। इसी प्रकरण में सितंबर 2025 में लखनऊ के तालकटोरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। बताया जा रहा है कि 10 दिसंबर 2025 को जब अमिताभ ठाकुर दिल्ली जा रहे थे, तभी शाहजहांपुर के पास ट्रेन से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। गिरफ्तारी के बाद अमिताभ ठाकुर की ओर से देवरिया सीजेएम न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की गई। उनकी तरफ से अधिवक्ता अरविंद पांडेय और सुभाष चंद राव जमानत के पक्ष में दलीलें पेश करेंगे, जबकि अभियोजन पक्ष भी जमानत का विरोध करते हुए अपनी मजबूत पैरवी करने की तैयारी में है। अब सभी की निगाहें मंगलवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां अदालत के फैसले से इस मामले की आगे की दिशा तय होगी।
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