सिविल लाइंस बस स्टेशन के पुनर्विकास के चलते पूर्वांचल जाने वाली रोडवेज बसें झूंसी शिफ्ट होने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वाराणसी रूट का किराया महज 188 रुपए होने के बावजूद सिविल लाइंस से झूंसी पहुंचने में ही 200 रुपए खर्च हो रहे हैं। झूंसी के अस्थायी स्टेशन पर भी दूसरी रीजन की बसें कम हैं। जिससे लंबा इंतजार और अंदावा चौराहे पर जाम की स्थिति बनी हुई है। सिविल लाइंस स्टेशन को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अब लखनऊ, अयोध्या व कानपुर रूट की बसें विद्या वाहिनी मैदान से चल रही हैं। जबकि रविवार से वाराणसी, गोरखपुर समेत पूर्वांचल की बसें झूंसी भेज दी गई हैं। सोमवार को भी कई यात्री सिविल लाइंस पहुंचे लेकिन बस न मिलने पर ई-रिक्शा, कैब व टेंपो से झूंसी गए। लोगों ने सिविल लाइंस आने के लिए बाइकर्स को 200 रुपए चुकाए। झूंसी स्टेशन पर सिविल लाइंस डिपो की बसें तो उपलब्ध हैं, लेकिन अन्य रीजन की अधिकांश बसें अंदावा चौराहे से ही सवारियां भरकर रवाना हो रही हैं। इससे चौराहे पर जाम लग रहा है। यूपी रोडवेज प्रयागराज परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि टीआई को निर्देश दिए गए हैं कि अंदावा चौराहे पर बसें न खड़ी हों। सभी बसें झूंसी स्टेशन पर आएंगी, जहां आगमन-प्रस्थान की इंट्री होगी। सिविल लाइंस से झूंसी के लिए ई-बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि हर 30 मिनट पर बस उपलब्ध हो।
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