इटावा। पुलिस और अभियोजन की सक्रिय पैरवी के चलते 19 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में आज बड़ी कार्रवाई हुई। एडीजे/एफटीसी-1 इटावा की अदालत ने आरोपी रामप्रताप उर्फ टिल्लू को दोषी ठहराते हुए 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत मिली एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। यह मामला वर्ष 2005 का है। 30 मार्च को थाना इकदिल क्षेत्र में युवती पूजा सोनी को बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म किए जाने की सूचना पुलिस को मिली थी। इस शिकायत के आधार पर 31 मार्च को थाना इकदिल में धारा 376 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। उसी समय से इस मामले की विवेचना शुरू हुई। विवेचक उपनिरीक्षक शीलेश कुमार ने मौके से जुटाए गए साक्ष्यों और पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। इस मुकदमे को मजबूत बनाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा बृजेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर शुरुआत से ही इसकी नियमित निगरानी की गई। गवाहों को समय पर अदालत पहुंचाना, साक्ष्यों को व्यवस्थित करना और मामले की प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करने में थाना इकदिल पुलिस, मॉनिटरिंग सेल, पैरोकार कांस्टेबल भीम चौधरी और एडीजीसी संजीव चतुर्वेदी की अहम भूमिका रही। लगातार सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज अदालत ने आरोपी को दोषी घोषित करते हुए कठोर सजा सुनाई। दोषी ठहराए गए रामप्रताप उर्फ टिल्लू निवासी पिलखर थाना इकदिल को अदालत ने 10 वर्ष का सश्रम कारावास दिया है। इस फैसले के साथ पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में अब कोई छूट नहीं दी जाएगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए इसी तरह प्रभावी पैरवी जारी रहेगी। पुलिस का कहना है कि यह फैसला समाज में कानून के प्रति विश्वास बढ़ाने वाला है और अपराधियों के लिए चेतावनी भी।
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