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पुलिस कमिश्नर के व्यवहार से आहत हो दे रहा इस्तीफा:इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश सिंह ने कुलपति को लिखे पत्र में बताई इस्तीफे की वजह

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश सिंह ने 25 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव को दिया है। उन्होंने इस इस्तीफे की वजह भी पत्र के माध्यम से बताई है। उन्होंने लिखा, आपके (कुलपति) कैंप आफिस में प्रयागराज प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान पुलिस कमिश्नर द्वारा उनकी प्रकृति और व्यक्तित्व पर की गई टिप्पणी से वे आहत हुए हैं। पुलिस अधिकारी द्वारा की गई टिप्पणी न केवल मेरे व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक थी, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अपेक्षित समर्थन न मिल पाने पर उन्हें असहज परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। ऐसी स्थिति में मैं चीफ प्रॉक्टर पद पर काम करने के लिए खुद को उचित नहीं समझ रहा हूं और मेरा इस्तीफा मंजूर कर लें। वहीं दूसरी, प्रो. केएन उत्तम को कार्यवाहक चीफ प्राक्टर बनाया गया है। इस परिस्थिति में खुद का सम्मान बनाए रखना कठिन प्रो. सिंह ने लिखा है कि चीफ प्रॉक्टर की जिम्मेदारियों के कारण उन्हें अनुशासनहीन तत्वों से सख्ती से निपटना पड़ता है, जो एक शिक्षक के मूल स्वभाव के विपरीत है, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने आत्मसम्मान और आचरण को कभी प्रभावित नहीं होने दिया। इस्तीफे में उन्होंने लिखा, “इन परिस्थितियों में स्वयं का सम्मान बनाए रखना कठिन हो गया है। ऐसे में चीफ प्रॉक्टर पद से त्यागपत्र देना मेरे लिए जीवन-रक्षक औषधि जैसा आवश्यक हो गया है।” कुलपति के प्रति जताया है आभार उन्होंने इस्तीफे में कुलपति के प्रति आभार भी जताया है। लिखा। लंबे समय तक कुलपति के मार्गदर्शन में कार्य करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए अपने त्यागपत्र की स्वीकृति का अनुरोध किया है। उन्होंने इस्तीफे की एक प्रतिलिपि विश्वविद्यालय के कुलसचिव को भी भेजी दी है। छात्रों के आंदोलन से शुरू हुआ था विवाद फैज अहमद फैज की स्मृति दिवस पर दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय कैंपस में एक कविता पाठ आयोजित कराना चाहते थे। इसके लिए वह विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर आफिस में गए थे अनुमति के लिए। वहीं पर कुछ विवाद हुआ था। छात्रों ने आरोप लगाया कि वहां पर चीफ प्राॅक्टर प्रो. राकेश सिंह और सहायक चीफ प्रॉक्टर अतुल नारायण सिंह ने उनके साथ बदमीजी की और गाली गलौच किया। इसके बाद तीन छात्र निधि, सौम्या और संजय का निलंबन किया गया। बस इसी बात को लेकर छात्र आंदोलन करने लगे। निलंबित छात्रों का निलंबन वापस लिए जाने और चीफ प्राॅक्टर को हटने की मांग कर रहे थे। 24 नवंबर से छात्र विश्वविद्यालय गेट पर बड़ा आंदोलन शुरू कर दिए थे। 25 को राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी छात्रों के बीच पहुंचे थे इसके बाद प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन भी हरकत में आ गया था।


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