उन्नाव के पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर और नर्स पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गुरुवार रात स्वास्थ्य केंद्र के बाहर शव रखकर जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया। मिली जानकारी के अनुसार, कस्बा पुरवा के मोहल्ला दुर्गापुर निवासी राहुल की पत्नी मोनी को 19 अक्तूबर को पेट दर्द की शिकायत हुई थी। परिजन उसे अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में नीलम नामक एक नर्स मिली। नर्स ने परिजनों को बताया कि वह पुरवा CHC के डॉक्टर आदर्श सचान के साथ मिलकर मोनी का निजी इलाज करा देगी और मरीज पूरी तरह ठीक हो जाएगी। नीलम ने इलाज का पूरा ठेका 25 हजार रुपये में लेने की बात कही। राहुल के मुताबिक, उन्होंने नीलम नर्स को 15 हजार रुपये नकद दिए और डॉक्टर आदर्श सचान को 9 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इसके बाद मोनी का इलाज शुरू किया गया। हालांकि, कुछ दिनों बाद मोनी की तबीयत और बिगड़ने लगी। हालत ज्यादा खराब होने पर परिजन उसे कानपुर के हेल्थ हॉस्पिटल ले गए। वहां डॉक्टरों ने जांच में पाया कि मरीज की आंत काटी जा चुकी थी। इलाज के दौरान कुछ दिनों बाद मोनी की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉ. आदर्श सचान और नर्स नीलम की घोर लापरवाही के कारण मोनी की जान गई। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने मोनी के शव को पुरवा CHC के बाहर रखकर प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सूचना मिलने पर कोतवाली पुरवा पुलिस मौके पर पहुंची और समझा-बुझाकर परिजनों को शांत कराया। पीड़ित राहुल ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर दोनों आरोपी डॉक्टर और नर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने तहरीर लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस मामले की आंतरिक जांच कराने की बात कह रहे हैं। पुरवा CHC में हुई इस घटना ने चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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