पीलीभीत जनपद के गजरौला स्थित तिवारी फिलिंग स्टेशन (इंडियन ऑयल) पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी (DM) ने पेट्रोल पंप की अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) निरस्त कर दी है, जिसके तुरंत बाद जिला पूर्ति अधिकारी (DSO) ने पंप का लाइसेंस भी रद्द कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पंप पर ईंधन की बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है। इस कार्रवाई का मुख्य कारण पेट्रोल पंप की जमीन की लीज अवधि का समाप्त होना है। यह पेट्रोल पंप पूर्व मंत्री डॉ. विनोद तिवारी की जमीन पर उनकी बहन विमला अवस्थी के नाम से संचालित हो रहा था। जानकारी के अनुसार, इस जमीन की लीज की मियाद लगभग डेढ़ माह पहले ही खत्म हो चुकी थी। लीज अवधि समाप्त होने के बावजूद पंप का संचालन जारी रहने पर पूर्व मंत्री के अधिवक्ता ने जिलाधिकारी से इसकी औपचारिक शिकायत की थी। शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए। बिना वैध भूमि अनुबंध के पेट्रोल पंप का संचालन पेट्रोलियम नियमों के विरुद्ध है। प्रशासन ने सबसे पहले पंप की NOC निरस्त की। जिलाधिकारी की इस कार्रवाई के आधार पर पूर्ति विभाग ने भी त्वरित कदम उठाते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण की मुहर लगा दी। तिवारी फिलिंग स्टेशन का विवादों से पुराना संबंध रहा है। लगभग 5 वर्ष पूर्व भी पारिवारिक और तकनीकी विवादों के कारण इस पंप को बंद करना पड़ा था। काफी समय तक बंद रहने के बाद इसे दोबारा शुरू किया गया था, लेकिन अब लीज रिन्यू न होने के कारण एक बार फिर इसके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। गजरौला क्षेत्र में स्थित इस प्रमुख इंडियन ऑयल पंप के बंद होने से स्थानीय वाहन स्वामियों और किसानों को आने वाले दिनों में असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक विधिक प्रक्रियाएं और भूमि संबंधी अनुबंध पूर्ण नहीं होते, तब तक बिक्री शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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