उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने शुक्रवार को पीलीभीत की पूरनपुर तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन SIR (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) कार्य के अत्यधिक दबाव और उच्चाधिकारियों के उत्पीड़न के विरोध में किया गया। संघ ने फतेहपुर के लेखपाल स्वर्गीय सुधीर की आत्महत्या के लिए कार्य के भारी दबाव को जिम्मेदार ठहराया है। सुबह 11 बजे शुरू हुए इस धरने में संघ के पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में लेखपालों ने भाग लिया। तहसील अध्यक्ष शिशुपाल यादव ने लेखपाल सुधीर की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार ने SIR कार्य को 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कम समय-सीमा के बावजूद उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार मानसिक दबाव बनाया जा रहा था। लेखपाल संघ ने स्पष्ट आरोप लगाया कि इसी मानसिक दबाव और उत्पीड़न के कारण लेखपाल सुधीर ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। संघ ने पीसीएस अधिकारी संजय कुमार सक्सेना और शिवराज पर अनावश्यक दबाव डालकर सुधीर को आत्महत्या के लिए उकसाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने इन अधिकारियों के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करने की मांग की। धरने में शामिल लेखपालों ने मृतक के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग की। उनकी अन्य प्रमुख मांगों में SIR कार्य के दौरान लेखपालों पर अनावश्यक मानसिक व शारीरिक दबाव समाप्त करना, लेखपालों को एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि प्रदान करना और SIR की समय सीमा को तुरंत बढ़ाना शामिल हैं। लेखपाल अनिल चौधरी, कमल किशोर, सौरभ, गौस मोहम्मद, सतीश राणा, आशुतोष कुमार, वीरेंद्र यादव सहित कई अन्य लेखपालों ने धरने को संबोधित किया। संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे राज्य-व्यापी बड़ा आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे। इस घटना से पूरे राजस्व विभाग में आक्रोश व्याप्त है।
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