पीलीभीत में प्रत्येक बुधवार को आयोजित होने वाले ‘किसान दिवस’ कार्यक्रम में अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर किसानों ने भारी रोष व्यक्त किया। जिला पंचायत सभागार में हुई इस बैठक में कई प्रमुख विभागों के अधिकारी नदारद रहे, जिस पर किसान नेताओं ने इसे ‘किसानों के साथ मज़ाक’ करार दिया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलों के नेतृत्व में किसान नेताओं ने अधिकारियों की इस बेरुखी पर कड़ी आपत्ति जताई। सतविंदर सिंह ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार किसान दिवस का आयोजन किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए किया जाता है, लेकिन पीलीभीत में अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि जो अधिकारी इस महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहे हैं, उनके खिलाफ शासन को कठोर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाए। बैठक में किसानों ने जनपद में हो रही फर्जी धान खरीद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। किसान नेताओं का आरोप है कि क्रय केंद्रों पर वास्तविक किसानों की जगह बिचौलियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, खाद की किल्लत और बिजली विभाग से जुड़ी समस्याओं पर भी कोई ठोस समाधान न मिलने पर किसानों में भारी आक्रोश देखा गया। मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर स्थानीय स्तर पर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ और अधिकारियों का यही रवैया रहा, तो वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने को मजबूर होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान अब केवल कागजी आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें धरातल पर कार्रवाई चाहिए। इस घटनाक्रम के बाद प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इन लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करता है और किसानों की जायज मांगों का निस्तारण कब तक होता है।
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