पीलीभीत जिला पंचायत द्वारा 21 नवंबर 2025 को आमंत्रित ई-निविदाओं (ई-टेंडर) में कथित अनियमितताओं और धांधली का आरोप लगा है। पीलीभीत के ठेकेदारों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को बरेली पहुंचा। ठेकेदारों ने मंडलायुक्त से मिलकर एक प्रार्थना पत्र सौंपा। जांच समिति से मांग की है कि संस्तुति के आधार पर विवादित टेंडर प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किया जाए।अनियमितताओं में दोषी पाए गए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। डीएम को दी गई थी सामूहिक शिकायत ठेकेदारों ने बताया कि उन्होंने 27 नवंबर 2025 को जिलाधिकारी पीलीभीत को सामूहिक शिकायत सौंपी थी। इसमें टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसे निरस्त कर पुनः ई-निविदाएं आमंत्रित करने की मांग की गई थी। 4 सदस्यीय जांच समिति ने पाए गंभीर दोष शिकायत पर डीएम ने मामले की गंभीरता देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूरी निविदा प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण और नियमों के विरुद्ध पाया। ठेकेदारों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि ई-निविदा प्रक्रिया को निरस्त करने की संस्तुति की गई है। इसके बावजूद जिला पंचायत द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ठेकेदारों में नाराज़गी है। एएमए पर मिलीभगत और नियमों के उल्लंघन का आरोप प्रार्थना पत्र में ठेकेदारों ने बताया कि जांच में अपर मुख्य अधिकारी की मिलीभगत और मनमानी उजागर हुई है। आरोप है कि उन्होंने शासनादेशों और ई-निविदा नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना उचित तकनीकी जांच के टेंडर खोल दिए। यह कदम कथित रूप से अपने पसंदीदा ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया था। कमिश्नर से हस्तक्षेप की मांग ठेकेदारों ने कमिश्नर से अनुरोध किया कि वे तत्काल हस्तक्षेप करते हुए विवादित निविदा प्रक्रिया को रद्द करवाएं, जांच समिति की सिफारिशें लागू करवाएं और जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करें। ठेकेदारों ने कहा कि वे इस पूरी प्रक्रिया पर आगे भी सख़्त नज़र बनाए रखेंगे।
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