पीलीभीत जिले के सुखदासपुर नरोलिया गांव के 45 वर्षीय व्यापारी पूरनलाल राठौर के रहस्यमय ढंग से लापता होने का मामला गहरा गया है। 10 नवंबर 2025 से लापता पूरनलाल का पता न चलने पर उनके छोटे भाई शंकर लाल राठौर ने ग्रामीणों के साथ पीलीभीत कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा, जिसमें महाराष्ट्र सरकार से मदद की गुहार लगाई गई है। पूरनलाल राठौर 03 नवंबर 2025 को लगभग 7 क्विंटल गुड़ और चावल का माल लेकर अपनी मोटरसाइकिल (लूना UP26Z-4534) से उत्तर प्रदेश से बांद्रा टर्मिनस गए थे। 04 नवंबर को उन्होंने माल गोडाउन में उतारा और मुंबई के कल्याण स्थित अपने रिश्तेदार के यहां रुके। 10 नवंबर 2025 को वह यह कहकर निकले थे कि गोडाउन से माल बेचकर सीधे उत्तर प्रदेश लौट आएंगे। इसके बाद से पूरनलाल का कोई अता-पता नहीं चला और उनका मोबाइल भी बंद आ रहा है। उनकी मोटरसाइकिल जोगेश्वरी ट्रैफिक पुलिस ने जब्त की हुई मिली है। लापता भाई को खोजने मुंबई पहुंचे शंकर लाल राठौर ने स्थानीय पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
शंकर लाल ने बताया कि बांद्रा टर्मिनस के गोडाउन फुटेज में पूरनलाल को घंटों ‘परेशानी’ की हालत में खड़े देखा गया था। जानकारी के अनुसार, गोडाउन के अधिकारियों और व्यापारियों के साथ माल को लेकर उनकी बहस हुई थी। इस दौरान उन्हें कथित तौर पर धमकाया गया था कि माल छुड़ाने के लिए कोर्ट जाना पड़ेगा।
परिजनों को आशंका है कि इस बहसबाजी के कारण ही गोडाउन अधिकारियों या व्यापारियों ने पूरनलाल के साथ कोई अप्रिय घटना की है या उनका अपहरण करवाया है, क्योंकि उनका माल आज भी गोडाउन में पड़ा हुआ है। शंकर लाल राठौर ने मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में बांद्रा टर्मिनस के संबंधित अधिकारियों और व्यापारियों के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज करने, मामले की उच्च-स्तरीय जांच करने और उनके भाई पूरनलाल को जल्द से जल्द सुरक्षित ढूंढने की मांग की है। परिवार ने चेतावनी दी है कि यदि पूरनलाल के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके जिम्मेदार बांद्रा के अधिकारी और व्यापारी होंगे।
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