‘सुबह बेटी ने कहा था- मम्मी, हम पालक लेने जा रहे हैं। कुछ देर बाद पता चला कि वह तालाब में कूद गई। पड़ोस के लोगों ने उसे बाहर निकाला। अस्पताल ले गए। मगर मेरी बिटिया की जान नहीं बच सकी। जब से उसके पिता की मौत हुई थी। वह डिप्रेशन में रहती थी। उसे एक ही चिंता थी। वह हमसे कहती, मम्मी अब मेरी पढ़ाई कैसे होगी? घर का खर्च कैसे चलेगा, फिर तुम मेरी शादी कैसे करोगी? मैं उसे हिम्मत देते हुए कहती सब ठीक होगा। तेरा भाई पढ़ रहा है। मगर मुझे क्या पता था कि वह हिम्मत हार जाएगी।’ ये कहना है इंटर की छात्रा कीर्ति की मां बेबी का। मथुरा की रहने वाली 17 साल की कीर्ति ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। घर से करीब 500 मीटर दूर स्थित तालाब में कूदकर उसने जान दे दी थी। 11 महीने पहले गोली लगने से पिता की मौत और अब बेटी ने सुसाइड क्यों किया? वह घर से कितने बजे निकली? उसके पिता की मौत कैसे हुई थी। घर की हालत क्या है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम छात्रा के घर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… जानिए पूरा मामला… बेटी ने जान दी, मां बेहोश होकर जमीन पर गिरी
मथुरा के राया कस्बे के गोपाल बाग की रहने वाली बेबी ने बताया- बिटिया इंटर में पढ़ती थी। घर में हम और बिटिया ही रहते थे। सुबह वह उठी। चाय बनाई। हम दोनों ने चाय पी। करीब 8 बजे उसने बताया कि वह पालक लेने जा रही है। इतना कह कर वह घर से निकल गई। उसके जाने के आधा घंटा बाद पड़ोस का एक लड़का मेरे पास दौड़ते हुए आया। बताया कि कीर्ति तालाब में कूद गई है। इतना सुनते ही मैं शॉक्ड रह गई। अचानक से जमीन पर गिर पड़ी। आंखें खुली तो मैं उसी तालाब के पास थी, जहां मेरी बिटिया कूदी थी। पड़ोस के बच्चे मुझे बाइक से वहां पहुंचाए थे। कुछ ही देर में पुलिस भी पहुंच गई। गांव के लोगों ने कीर्ति के शव को तालाब से बाहर निकाला। उसे सीपीआर दिया लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। पुलिस ने अपनी गाड़ी से उसे अस्पताल पहुंचाया। लोग उसका तलवा रगड़ते रहे। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने कीर्ति को मृत घोषित कर दिया। उधर, बेटी की मौत के बाद मां बेबी रह-रहकर बेहोश हो रही थी। पड़ोस की महिलाएं उसे किसी तरह संभाल रही थीं। होश में लाने के लिए पानी के छीटें डालती रहीं। 11 महीने पहले पिता की मौत हुई थी मां ने बताया कि कीर्ति के पिता मनोज LIC एजेंट थे। 11 महीने पहले वह घर के अपने कमरे में थे। राइफल की सफाई करते समय गोली चल गई। गोली लगने से उनकी मौत हो गई। पिता की मौत के बाद कीर्ति गुमसुम रहने लगी थी। पति की मौत के बाद बेटे वैभव (11) को पढ़ने के लिए रिश्तेदारी में आगरा भेज दिया था। घर पर मैं और मेरी बेटी ही रहती थी। उन्होंने बताया- उसे घर की चिंता सताती रहती थी। वह खूब पढ़ना चाहती थी लेकिन पढ़ाई पूरी न हो पाने का डर उसे सताता था। पिता की मौत के बाद वह टूट गई थी। वह गुमसुम और उदास रहती थी। मैं उसे लगातार हिम्मत देती थी। सबकुछ ठीक होने का दिलासा देती रहती। उसे भगवान पर यकीन रखने की बात कहती। मुझे नहीं पता था कि बेटी ऐसा करेगी। वह मुझे अकेले छोड़ जाएगी। अब मैं क्या करूंगी? मामा बोले- आर्थिक स्थिति खराब थी
कीर्ति के मामा देवेंद्र शर्मा ने बताया कि मेरी भांजी अपनी मां के साथ अकेले ही घर में रहती थी। सुबह, वह सब्जी लेने के लिए गई थी। तभी उसके तालाब में गिरने की सूचना मिली। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। हम लोग समय-समय पर मदद करते थे। पोस्टमार्टम के बाद कीर्ति का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। थाना प्रभारी रवि भूषण शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं आए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिवार के लोगों को सौंप दिया गया था। …………………….. ये खबर भी पढ़िए- गोरखपुर में कुल्हाड़ी से युवक का गला काटा, सिर और धड़ को 50Km दूर महाराजगंज में फेंका; दोस्तों ने की वारदात गोरखपुर में लेनदेन के विवाद में युवक की हत्या कर दी गई। दोस्तों ने पहले कुल्हाड़ी से गला काटा और फिर कार से 50Km दूर महाराजगंज जिले में सिर और धड़ को अलग-अलग जगह पर फेंक दिया। पुलिस ने सोमवार शाम युवक के शव को महराजगंज जिले से बरामद किया। ये खबर भी पढ़ें…
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