‘दो महीने से पिता जी बीमार थे, उनका अस्पताल में इलाज भी कराया। 15 दिन पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिली। लग रहा था कि पिता जी पूरी तरह ठीक हो गए हैं। उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। मुझे, मेरी पत्नी और मेरे इकलौते बेटे को लगा अब घर में सब ठीक है। लेकिन मंगलवार को फिर से अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी। मेरी आंखों के सामने ही उनकी मौत हो गई। पिता की मौत की खबर सुनते ही पत्नी को हार्ट अटैक आ गया। पल भर में ही पत्नी भी साथ छोड़ गई। एक साथ मेरा सब कुछ चला गया। ‘ ये कहना है कि रोते-बिलखते गौरव शशि नारायण का। गाजियाबाद के रहने वाले गौरव शशि नारायण ने अपनी पत्नी और पिता को एक साथ खो दिया। 10 पहले उनके भाई और मां की मौत हो गई थी। ऐसे में गौरव बिल्कुल टूट गए। गौरव एक मीडिया संस्थान में पत्रकार हैं। अब जानिए पूरा मामला… हर आदमी से हाथ मिलाकर बात करते थे पिता चिरंजीव विहार सेक्टर-5 में रहने वाले गौरव शशि नारायण एक समाचार पत्र में काम करते हैं। उनके पिता लक्ष्मी नारायण (75) इनकम टैक्स विभाग से रिटायर्ड अधिकारी थे। सोमवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। गौरव और उनकी पत्नी गरिमा उनके पास दौड़े। परिजन उन्हें तुरंत कविनगर में मौजूद एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। ससुर लक्ष्मी नारायण के निधन की खबर सुनते ही बहू गरिमा को सदमा लगा और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। गौरव ने दोनों को नजदीकी सर्वोदय अस्पताल ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही गरिमा ने भी रास्ते में दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने बताया कि सदमे के कारण दिल का दौरा पड़ने से गरिमा की मौत हुई है। 10 साल पहले हुई थी गरिमा से शादी करीब 10 साल पहले गौरव की लखनऊ की रहने वाली गरिमा से शादी हुई। दोनों का 8 साल का एक बेटा है। गरिमा घर पर ही रहकर घर का काम देखती थीं। गौरव के बड़े भाई और मां की पहले ही मौत हो चुकी है। ससुर की मौत के सदमें में बहू की मौत हो जाने की खबर से लोग स्तब्ध हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि गौरव के पिता शशि नारायण बहुत मिलनसार व्यवहार के थे। वह लंबे समय इनकम टैक्स में रहे। जो भी आदमी उनसे मिलता था, हाथ मिलकर उसका हालचाल पूछते थे। उनकी मौत के बाद पूरे परिवार पर गहरा सदमा है। माहौल बेहद गमगीन बना हुआ है। रिश्तेदार, पड़ोसी, मित्र और पत्रकार जगत से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शोक संवेदना प्रकट कर रहे हैं। ——————————– यह खबर भी पढ़िए… ‘भतीजों को निकाल लिया, भाभी नहीं मिल रहीं’:हमीरपुर के गुलजारी बोले- कंकालों में पहचान नहीं पाया, मथुरा हादसे में 13 जिंदा जले मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार को हादसे में 13 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें कई की हालत गंभीर है। उनमें भी कई झुलसे हुए हैं। यह हादसा कई परिवारों को जिंदगीभर न भुलाने वाले जख्म दे गया। पढ़ें पूरी खबर…
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