साल 2025 खट्ठी मिठी यादों के साथ विदा हो रहा है। गोरखपुर जिले में साल 2025 में कई ऐसी बड़ी घटनाएं हुईं, जिनकी देश-प्रदेश में चर्चा रही। आइए इस साल की 10 बड़ी खबरों पर प्रकाश डालते हैं… 1. 20 जून 2025 को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस बड़ी सौगात सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका लोकार्पण किया। लगभग 7 हजार करोड़ से अधिक की लागत से बनाए गए इस 91 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से मिलता है। इससे यात्रा करने पर गोरखपुर से लखनऊ 3 घंटे में पहुंच सकते हैं। इस एक्सप्रेस वे को दो पैकेज में बनाया गया है। अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यहां यात्रा की अनुमति है। सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुराने रूट की तुलना में इस रास्ते गोरखपुर से लखनऊ जाने में करीब 2 घंटे की बचत हो रही है। 2. 25 जून 2025 गोरखपुर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय का विरोध 25 जून 2025 गोरखपुर में धर्मशाला बाजार से पांडेयहाता तक शहर के पुराने बाजारों को जोड़ने के लिए मार्ग चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है। लगभग 3.5 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को विरासत गलियारा नाम दिया गया है। इसको लेकर विवाद भी खूब हुए। सपा ने व्यापारियों को उचित मुआवजा न देने का आरोप लगाया था। व्यापारियों से मिलने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर एक प्रतिनिधि मँडल 25 जून 2025 को गोरखपुर आया था। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे थे। यहां उनका विरोध किया गया। सपा वापस जाओ के नारे लगाए गए। सपा ने इसे भाजपा द्वारा प्रायोजित विरोध बताया। अखिलेश यादव ने विरासत गलियारा को हिरासत गलियारा नाम दिया। जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के पुराने नंग तांडव का जिक्र का पलटवार किया। माता प्रसाद पांडेय ने 11 अगस्त 2025 को विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन इस मामले को उठाया। 3. 11 जुलाई को डॉक्टर की हॉस्टल के कमरे में मिली लाश 11 जुलाई को मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के कमरे में केरल के डॉक्टर अबोशो की लाश मिली थी। लाश के पास से इंजेक्शन भी मिला था। सुसाइड की आशंका पर पोस्टमार्टम कराया गया, मौत की वजह पता नहीं चलने पर विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा गया है। अभी तक डॉक्टर की मौत रहस्य बनी हुई है। गुलरिहा पुलिस ने आशंका जाहिर की थी कि डॉक्टर ने नींद की दवा की अधिक डोज लिया था। उसके हाथ में इंजेक्शन लगाने के निशान भी थे। देर रात तक वह अपने कमरा नंबर 25 में पढ़ाई भी किया था। दो बजे तक उसके दोस्त उसके साथ थे। केरल के तिरुवनंतपुरम में मृतक की पत्नी भी डॉक्टर हैं। जिस दिन डॉक्टर अबीशो की लाश दफनाई जा रही थी, उसी समय पर डॉक्टर पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया था। 4. 23 जुलाई को PAC महिला ट्रेनी ने किया हंगामा 23 जुलाई को 26वीं बटालियन पीएसी परिसर के बाहर 600 महिला ट्रेनी सिपाही ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर जमकर हंगामा किया था। ट्रेनी सिपाहियों का आरोप था कि जहां उनके नहाने का अरेंजमेंट किया गया है। उसके बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्हें डर है कि उनका वीडियो न बन जाए। इसके अलावा कई और गंभीर आरोप लगाए थे। पूरे दिन इस घटना को लेकर गोरखपुर में अफरातफरी का माहौल था। मामला लखनऊ तक पहुंचा तो डीजीपी स्तर से तत्काल मामला संज्ञान लिया गया। घटना में पीटीआई, प्लाटून कमांडर और पीएसी कमांडेंट आनंद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। तत्काल लखनऊ से एक अधिकारी गोरखपुर भेजे गए। यहां आकर उन्होंने एक ट्रेनी सिपाहियों से बातचीत कर एक रिपोर्ट तैयार की थी। 5. 25 अगस्त को सैंथवार समाज की ओर से बड़ा आंदोलन 25 अगस्त 2025 को गोरखपुर में सैंथवार समाज की ओर से बड़ा आंदोलन किया गया। यह आंदोलन इस समाज के लोगों ने अपने समीहा पूर्व विधायक स्व. केदारनाथ सिंह की प्रतिमा को हटाने के विरोध में किया था। कई दिन तक विरोध चला। बाद में मुख्यमंत्री ने इसमें हस्तक्षेप किया। जिस जमीन से उनकी प्रतिमा स्थापित थी, उसी के एक हिस्से में नए सिरे से प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रकरण को सपा के नेताओं ने उठाया था। दरअसल जिस जमीन पर स्व. केदानाथ सिंह की प्रतिमा स्थापित थी, उसकी रजिस्ट्री एक कंपनी ने करा ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्व. केदारनाथ सिंह के परिवार को वह जगह खाली करने को कहा था। सैंथवार समाज भाजपा का वोटबैंक माना जाता है इसलिए सपा के नेताओं को आगे निकलता देख भाजपा के नेताओं ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की और इस प्रकरण का सर्वमान्य हल निकाल लिया गया। 6. 16 सितंबर को नीट छात्र की हत्या के बाद 17 घंटे हंगामा 15 सितंबर की देर रात पिपराइच के महुआचापी गांव में पशु तस्करों और ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई। इस दौरान पशु तस्करों ने नीट की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता को खींच लिया था। इसके बाद गाड़ी में बंधक बनाकर उसकी ईंट से कूचकर हत्या कर दी। लाश को गांव से 4 किमी दूर सड़क के किनारे फेंक दिया था। साढ़ चार घंटे बाद खून से लथपथ लाश मिली थी। इधर नाराज ग्रामीणों ने एक पशु तस्कर को पकड़कर बंधक बनाया था। दीपक की मौत की खबर मिलते ही नाराज ग्रामीणों ने ईंट पत्थर से पुलिस के सामने ही पशु तस्कर पर हमला कर दिया। इसमे बचाने के चक्कर में चार पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे। पशु तस्कर को गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया। जहां उसकी बाद में मौत हाे गई थी। 16 सितंबर को नाराज ग्रामीण ने पिपराइच गोरखपुर मार्ग जाम कर दिया। इसके बाद 7 थाने की पुलिस बुलाई गई। अधिकारी काफी देर तक समझाने का प्रयास करते रहे। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव भी किया था। यह घटना देश प्रदेश तक चर्चा में थी। इसको लेकर कई नेताओं ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। 7. 11 अक्टूबर को बॉलीवुड के गलियारे में हुई गोरखपुर की चर्चा 11 अक्टूबर को गोरखपुर से सांसद और फिल्म अभिनेता रवि किशन को लापता लेडीज फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड मिला। 15 तारीख को रवि किशन हाथों में चमचमाती फिल्मफेयर ट्रॉफी लेकर सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा गोरखनाथ के दरबार में मत्था टेका और अपनी ट्रॉफी उनके चरणों में अर्पित की। जब रिपोर्टर ने उनसे उनके मशहूर डायलॉग “जिंदगी झंड बा” के बारे में पूछा, तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि अब जिंदगी झंड नहीं, बम बम बा।” रवि किशन ने कहा कि फिल्मफेयर अवार्ड मिलने के बाद उनके अंदर काम करने की ऊर्जा और बढ़ गई है। उन्होंने कहा “अब मैं और ज्यादा जोश से काम करूंगा, अब मैं और रॉकेट हो गया हूं। 8. 21 नवंबर 2025 को गोरखपुर में लगी भीषण आग 21 नवंबर 2025 की भोर में गीडा के सेक्टर 15 स्थित रूंगटा इंडस्ट्रीज में भयंकर आग लग गई थी। 20 से अधिक फायर टेंडर लगाकर 25 घंटे में आग पर काबू पाया गया। मेंटेनेंस करने के दौरान हेक्सेन गैस लीक होने से यह घटना हुई। केरल व दिल्ली से आए इंजीनियरों ने आग पर काबू पाया था। आग लगने के बाद आसपास की फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया था। जिला प्रशासन की ओर से आग के कारणों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। 9. 13 दिसंबर 2025 को गोरखपुर के पंकज चौधरी बने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष 13 दिसंबर 2025 को प्रदेश की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम हुआ। गोरखपुर के रहने वाले एवं महराजगंज से सात बार के सांसद, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोरखपुर से ही आते हैं। ऐसे में पंकज चौधरी को प्रदेश में संगठन का सबसे बड़ा पद मिलने पर गोरखपुर पावरफुल राजनीतिक केंद्र के रूप में उभरा है। कुर्मी वोटरों को साधने के लिए पंकज को यह जिम्मेदारी दी गई थी। उनके प्रदेश अध्यक्ष बनते ही संगठन व सरकार में टकराव की चर्चा शुरू हो गई लेकिन पहले ही दिन सार्वजनिक मंच स मुख्यमंत्री के पैर छूकर नए प्रदेश अध्यक्ष ने इन चर्चाओं को निराधार साबित कर दिया। 10. 19 दिसंबर को सीएम ने गोरखनाथ ओवरब्रिज का उद्घाटन कर बड़ी सौगात दी गोरखपुर शहर को एक नया ओवरब्रिज मिल गया है। नाम है गोरखनाथ ओवरब्रिज। इस रूट पर पहले से एक ओवरब्रिज था। इस तरह अब यह शहर का पहला डबल लेन का पुल है। पहला लेन गोरखनाथ मंदिर से धर्मशाला की तरफ आती है और धर्मशाला की तरफ से गोरखनाथ मंदिर की तरफ जाती है। यह रूट गोरखनाथ मंदिर से होते हुए पीपीगंज, कैम्पियरगंज, फरेन्दा, नौतनवां और सोनौली के रास्ते नेपाल तक जाता है, इसलिए इस रूट पर आम लोग और टूरिस्ट का दबाव ज्यादा होता है। पहले यह रास्ता 30 से 35 मिनट में पूरा होता था। अब सिर्फ 5 मिनट में लोग पहुंच जाएंगे। इस ओवरब्रिज का फायदा गोरखपुर के 10 लाख लोगों को मिलने वाला है। नेपाल तक कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।
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