बीएचयू में गैर शिक्षण स्थायी कर्मचारियों को पीएचडी करने के लिए अब परीक्षा देनी होगी। इससे पहले उन्हें सीट उपलब्धता के आधार पर साक्षात्कार से प्रवेश दिया जाता था। इस साल पीएचडी प्रवेश के नए नियमों में एक नियम यह भी जोड़ा गया है। इस बदलाव पर कर्मचारी असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। अब जानिए क्या है नया व्यवस्था पीएचडी प्रवेश के नए नियमों के अनुसार गैर शिक्षण कर्मचारियों को अब रिसर्च मेथोडोलॉजी पर अब बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित लिखित परीक्षा देनी होगी। परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक मिलने पर उन्हें भौतिक सत्यापन और साक्षात्कार में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। यह टेस्ट परीक्षा नियंता कार्यालय की तरफ से लिया जाएगा। पीएचडी नियमावली के बड़े बदलावों में अबकी ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में अभ्यर्थियों को अपनी लोकेशन वरीयता चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा। बुलेटिन में अलग-अलग फैकल्टी के लिए अलग-अलग सेक्शन भी दिए जाएंगे। वीडियो से दी परसेंटाइल गणना की जानकारी पीएचडी बुलेटिन जारी करने से पहले बीएचयू ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए छात्रों को जागरूक करने के लिए एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में सभी अभ्यर्थियों को परसेंट (प्रतिशत) और परसेंटाइल (प्रतिशतक) से जुड़ी सामान्य जानकारी दी गई है। वीडियो में समझाया गया है कि प्रतिशत (कुल अंकों में प्राप्त अंक) और प्रतिशतक (अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में आपकी स्थिति) में क्या अंतर है। बता दें कि पिछले सत्र के पीएचडी प्रवेश में छात्रों ने परसेंटाइल को लेकर भी हंगामा किया था।
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