पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ मेरठ में स्थापित करने की मांग को लेकर 17 दिसंबर को मेरठ बंद का आह्वान किया गया है। मेरठ बार एसोसिएशन के जन-जागरण अभियान को कई व्यापारिक संगठनों ने पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। मेरठ होटलियर्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, मेरठ बार ऑनर्स एसोसिएशन और मेरठ टेंट डेकोरेटर्स एंड हायर्स एसोसिएशन ने इस बंदी को अपना समर्थन दिया है। इन संगठनों ने निर्णय लिया है कि 17 दिसंबर को मेरठ के सभी होटल, रेस्टोरेंट और संबंधित प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहेंगे। मेरठ बार एसोसिएशन द्वारा प्रस्तावित यह बंदी जनता को यह समझाने के उद्देश्य से की जा रही है कि यह मुद्दा केवल वकीलों का नहीं, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के मूलभूत अधिकारों और न्याय तक सरल पहुंच का प्रश्न है। मेरठ होटलियर्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को न्याय के लिए 700 किलोमीटर दूर इलाहाबाद जाना पड़ता है, जो अव्यावहारिक होने के साथ-साथ आम नागरिक पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी डालता है। उन्होंने मेरठ में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना को अत्यंत आवश्यक बताया। मेरठ बार ऑनर्स एसोसिएशन के महामंत्री नवीन अरोड़ा ने कहा कि इलाहाबाद की दूरी और यात्रा का खर्च पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करोड़ों जनता के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने मेरठ को इस क्षेत्र का सबसे उपयुक्त न्यायिक केंद्र बताया और कहा कि यह आंदोलन जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि केवल अधिवक्ताओं के लिए। इस बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि मेरठ बार एसोसिएशन की साप्ताहिक बंदी शनिवार के बजाय प्रत्येक सप्ताह अलग-अलग दिन रखी जाए। इसकी घोषणा हर रविवार को मेरठ बार एसोसिएशन द्वारा की जाए, ताकि हाई कोर्ट बेंच की मांग की आवाज हर सप्ताह सरकार तक पहुंचती रहे।
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