पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। इस संबंध में पश्चिमी उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति के आह्वान पर संभल के ज़िला बार सभागार में अधिवक्ताओं, व्यापारियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों की एक संयुक्त बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 17 दिसंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में एक साथ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए अधिवक्ता अब्दुल रहमान ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश एडवोकेट संघर्ष समिति लंबे समय से हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी एक वर्ग या जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता से जुड़ी है। आगरा, मेरठ, संभल और मुरादाबाद जैसे जिलों से इलाहाबाद जाकर मुकदमों की पैरवी करना आम लोगों के लिए मुश्किल होता है। इसमें समय और धन दोनों बर्बाद होते हैं, साथ ही यात्रा में कई अन्य परेशानियां भी आती हैं। अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता ने मांग की कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में से किसी एक में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच स्थापित की जाए। उन्होंने जोर दिया कि अधिवक्ता वर्ग जनता को सुलभ न्याय दिलाने के लिए इस आंदोलन को पूरी ताकत से आगे बढ़ाएगा। इसके तहत रजिस्ट्री के कार्यों का बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया गया है। व्यापारी वर्ग सुरक्षा फोरम के जमील उर रहमान ने अधिवक्ताओं के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की बात कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि आंदोलन के दौरान बंद, धरना या प्रदर्शन का आह्वान किया जाता है, तो व्यापारी संगठन हर संभव सहयोग प्रदान करेगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि 17 दिसंबर को संभल में शंकर कॉलेज चौराहे से एडीएम कार्यालय तक एक विरोध प्रदर्शन निकाला जाएगा। इस दौरान राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
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