पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर मुरादाबाद में दि बार एसोसिएशन एण्ड लाइब्रेरी के सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आह्वान पर 17 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित बंद और प्रदर्शन को सफल बनाने के उद्देश्य से हुई। इसकी अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता एडवोकेट ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संदीप बडोला थे, जबकि संचालन बार के महासचिव कपिल गुप्ता एडवोकेट ने किया। बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों और 6 मंडलों में हाईकोर्ट बेंच की आवश्यकता पर जोर दिया गया, जिनकी आबादी देश के कई राज्यों से अधिक है। बार अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता एडवोकेट ने कहा कि हाईकोर्ट बेंच न होने के कारण आम जनता को सस्ते और सुलभ न्याय के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट जाना पड़ता है। लंबी दूरी के कारण समय, धन और श्रम की बर्बादी होती है, जिससे न्याय प्रक्रिया आम आदमी के लिए कठिन हो जाती है। उन्होंने इस पुरानी मांग को अब निर्णायक मोड़ देने की आवश्यकता बताई। बार के महासचिव कपिल गुप्ता एडवोकेट ने कहा कि बार एसोसिएशन के निरंतर संघर्ष और जन जागरूकता प्रयासों से यह धारणा मजबूत हुई है कि हाईकोर्ट बेंच की मांग केवल अधिवक्ताओं की नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता की है। उन्होंने बताया कि न्याय दूर होने के कारण गरीब, किसान और श्रमिक वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। मुख्य अतिथि संदीप बडोला ने सरकारी कर्मचारियों की परेशानियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट बेंच न होने से कर्मचारियों को विभागीय मामलों की पैरवी के लिए अपनी अर्जित छुट्टियां लेकर इलाहाबाद जाना पड़ता है, जिससे सरकारी कामकाज भी प्रभावित होता है। बैठक में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने 17 दिसंबर 2025 को मुरादाबाद बंद का समर्थन किया। सभी ने संकल्प लिया कि जब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर कई संगठनों ने अपना समर्थन पत्र भी सौंपा।
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