हापुड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने की दशकों पुरानी मांग एक बार फिर जोर पकड़ गई है। इसी क्रम में, हापुड़ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन सदर विधायक विजयपाल आढ़ती के माध्यम से भेजा। ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने बताया कि उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय प्रयागराज में स्थित है, जिसकी एकमात्र बेंच लखनऊ में है। पश्चिमी यूपी के सभी 22 जिलों का क्षेत्राधिकार अभी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही आता है। सहारनपुर जैसे जिलों से प्रयागराज की दूरी 850 किलोमीटर से अधिक है, जिससे वादकारियों और अधिवक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि सात करोड़ से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र की न्याय संबंधी जरूरतों को देखते हुए यहां हाईकोर्ट बेंच की स्थापना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इसे क्षेत्र के साथ न्यायिक असमानता करार दिया, जिसके कारण दूरस्थ यात्रा, आर्थिक बोझ और समय की बर्बादी से वादकारी न्याय के अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पश्चिमी यूपी के अधिवक्ता पिछले 50 वर्षों से लगातार बेंच स्थापना के लिए आंदोलनरत हैं, लेकिन केंद्र या राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया गया है। हापुड़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कंसल ने कहा, “पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को सस्ता, सुलभ और समयबद्ध न्याय मिलना उनका संवैधानिक अधिकार है। इलाहाबाद की अत्यधिक दूरी न्याय में सबसे बड़ी बाधा है।”कंसल ने सरकार से तुरंत पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने पर निर्णय लेने का आग्रह किया, ताकि करोड़ों लोगों को राहत मिल सके। अधिवक्ताओं ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय लेकर क्षेत्र को न्यायिक सुविधा की बड़ी सौगात देंगे। इस दौरान सचिव वीरेंद्र सिंह सैनी, भोपाल शिशोदिया, रमेश चंद्रा, विकास त्यागी, मोहित त्यागी, शिवकुमार शर्मा, मुकुल चौधरी, भरत कुमार, आबिद नवी, उज्जवल चौधरी, पवन शर्मा, अनुज कुमार सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
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