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परशुराम स्वाभिमान सेना का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन:पूर्व IAS संतोष वर्मा के बयान पर कार्रवाई की मांग

परशुराम स्वाभिमान सेना ने पूर्व आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। सेना ने वर्मा पर ब्राह्मण समुदाय के विरुद्ध आपत्तिजनक और जातिसूचक बयान देने का आरोप लगाया है। भाजपा पश्चिम उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष और परशुराम स्वाभिमान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय भारद्वाज ने इस संबंध में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं (196, 299, 302, 352, 353, 79, 152) के तहत अभियोजन की मांग की हैं। शिकायतकर्ता भारद्वाज के अनुसार, पूर्व आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने एक सार्वजनिक मंच पर अत्यंत अशोभनीय और सामुदायिक तनाव उत्पन्न करने वाले बयान दिए। वर्मा ने कहा था, “जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं देता, उसे सम्बन्ध नहीं बनाता, तब तक आरक्षण नहीं रुकेगा।” उन्होंने आगे कहा, “जब तक रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं होगा, तब तक सामाजिक पिछड़ेपन के कारण आरक्षण जारी रहेगा।” परशुराम स्वाभिमान सेना का कहना है कि ये कथन ब्राह्मण, सवर्ण और सनातन समुदाय की गरिमा, धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक सम्मान का घोर अपमान है। ये बयान सार्वजनिक रूप से दिए गए थे, जिनमें स्पष्ट रूप से द्वेषपूर्ण और उकसाऊ आशय परिलक्षित होता है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि एक पूर्व आईएएस अधिकारी होने के नाते, संतोष वर्मा संवैधानिक दायित्वों और प्रशासनिक मर्यादा के पालन के लिए बाध्य थे। उनके बयान को प्रशासनिक निष्पक्षता के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन, समुदाय-विशेष को अपमानित करने वाला कृत्य और सार्वजनिक पद के प्रभाव का दुरुपयोग बताया गया है। परशुराम स्वाभिमान सेना ने मांग की है कि ऐसे भड़काऊ, जाति-आधारित और सामाजिक वैमनस्य फैलाने वाले कथनों पर त्वरित कार्रवाई की जाए। उनका मानना है कि ये अपराध संज्ञेय श्रेणी में आते हैं, जिन पर तत्काल कानूनी कार्रवाई अनिवार्य है।


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