प्रयागराज में पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा की अस्थियां शनिवार को संगम में विसर्जित की गईं। इससे पहले उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) में उनकी स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान शहर के गणमान्य नागरिकों, नाट्यकर्मियों और सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय रंगमंच के प्रसिद्ध नाटककार, रंग निर्देशक, अभिनेता और कुशल प्रशासक दया प्रकाश सिन्हा का निधन 4 नवंबर को नोएडा में हुआ था। उन्हें रंगकला, साहित्य, रंगमंच और सांस्कृतिक साधना के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उनकी रचनाएं और कार्य सांस्कृतिक जगत में प्रेरणा स्रोत माने जाते हैं। श्रद्धांजलि समारोह में केंद्र निदेशक सुदेश शर्मा ने स्मृति संबोधन में कहा कि सिन्हा कला और साहित्य के मूर्धन्य व्यक्तित्व थे, जिनके मार्गदर्शन और दूरदर्शी सोच ने केंद्र को नई दिशा प्रदान की। उन्होंने कहा कि उनके विचार और कार्य संस्कृति संरक्षण और संवर्धन के लिए सदैव प्रेरणा देते रहेंगे। डॉ. कुमुद ने कहा कि नाट्य क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य है और उनकी कृतियाँ नए कलाकारों के लिए मार्गदर्शक बनी रहेंगी। वहीं सलाहकार कल्पना सहाय ने कहा कि सिन्हा भारतीय रंगमंच की अमर धरोहर थे और सदैव स्मरणीय रहेंगे। नोएडा से सिन्हा के नाती सारंग रंजन और भतीजे अनुराग प्रकाश अस्थि कलश लेकर प्रयागराज पहुंचे थे। संगम में विसर्जन से पूर्व मनोज गुप्ता द्वारा गायत्री मंत्र एवं ‘हे राम, हे राम’ भजन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर सलाहकार अनूप बिहारी लाल श्रीवास्तव, के.के. श्रीवास्तव, कार्यक्रम अधिशासी मधुकांक मिश्रा, वरिष्ठ रंगकर्मी अजय मुखर्जी, योगेन्द्र मिश्रा, डॉ. ज्योति मिश्रा, अनूप बनर्जी, सुशील राय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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