रायबरेली के जेल रोड स्थित अवध हॉस्पिटल में पथरी के ऑपरेशन के बाद एक युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान भदोखर थाना क्षेत्र के मुहम्मदपुर कुचरिया निवासी दीपक गुप्ता के रूप में हुई है। उसकी उम्र को लेकर अलग-अलग रिपोर्टों में 20, 22 और 26 वर्ष बताई जा रही है। घटना के बाद परिजनों ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों के मुताबिक दीपक को किडनी में पथरी की समस्या थी। रविवार को लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित परफेक्ट हॉस्पिटल संचालक डॉ. धर्मवीर सिंह ने रायबरेली के अवध हॉस्पिटल में उसका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद दीपक को वहीं भर्ती रखा गया। हालत बिगड़ी तो दूसरे हॉस्पिटल बुलाया परिजनों का कहना है कि भर्ती के दौरान दीपक की हालत बिगड़ने लगी। इस पर डॉ. धर्मवीर सिंह को फोन किया गया। आरोप है कि डॉक्टर ने मरीज को अपने मोहनलालगंज वाले हॉस्पिटल में बुला लिया। वहां पहुंचने पर डॉक्टर ने फोन उठाना बंद कर दिया, जिससे मजबूर होकर परिजन दीपक को दूसरे हॉस्पिटल ले गए। मैक्स हॉस्पिटल पहुंचते ही घोषित किया मृत परिजन दीपक को लखनऊ के मैक्स हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि लखनऊ रेफर किए जाने के दौरान ही उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों का कहना है कि समय पर सही इलाज मिलता तो दीपक की जान बच सकती थी। पोस्टमार्टम के बाद फूटा गुस्सा, तोड़फोड़ और जाम पोस्टमार्टम के बाद गुस्साए परिजन अवध हॉस्पिटल के सामने पहुंच गए। यहां उन्होंने प्रदर्शन किया, अस्पताल में तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी भी की। इसके साथ ही सड़क पर जाम लगा दिया गया, जिससे आवागमन बाधित हो गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को मौके पर बुलाया गया। मृतक के भाई का आरोप मृतक के भाई पंकज ने कहा, “भाई को पथरी के इलाज के लिए लाए थे। ऑपरेशन के बाद उसकी हालत बिगड़ गई और आखिरकार मौत हो गई। डॉक्टर ने सही इलाज नहीं किया, यही वजह है कि भाई को नहीं बचाया जा सका।” पुलिस-प्रशासन मौके पर, अस्पताल सील सूचना मिलने पर सीओ सदर और सिटी मजिस्ट्रेट राम अवतार मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने परिजनों को कार्रवाई का भरोसा देकर शांत कराया। डिप्टी सीएमओ की मौजूदगी में अवध हॉस्पिटल को अस्थायी रूप से सील कर दिया गया। नोटिस लगाकर किसी भी मरीज को भर्ती न करने के आदेश दिए गए हैं। डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई शुरू, जांच जारी परिजनों की तहरीर के आधार पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। यह घटना रायबरेली में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और चिकित्सकीय लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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