बिल्हौर के अरौल थाना क्षेत्र के सरैयां दस्तम गांव में दो पक्षों के बीच हुए पथराव में एक गर्भवती महिला के पेट में ईंट लगने का आरोप है। इस घटना के चार दिन बाद गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की है। गांव निवासी रईस पुत्र साकिर अली, जो ईंट भट्ठे पर ट्रैक्टर चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, ने पुलिस को बताया कि 13 दिसंबर की शाम उनके पड़ोसी भोले खां और शरीफ खां के बीच विवाद हुआ। यह विवाद जल्द ही पथराव में बदल गया। आरोप है कि इसी दौरान एक ईंट रईस की आठ माह की गर्भवती पत्नी परवीन बेगम के पेट में लगी, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। घटना के बाद परिजन परवीन बेगम को तुरंत इलाज के लिए कन्नौज जिला अस्पताल ले गए। 15 दिसंबर को डॉक्टरों ने गर्भस्थ शिशु को मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना से परिवार सदमे में है। रईस का आरोप है कि ईंट लगने के कारण ही बच्चे की मौत हुई और आरोपित सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वे तत्काल मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। अरौल इंस्पेक्टर जनार्दन सिंह यादव के अनुसार, रईस की तहरीर के आधार पर एक पक्ष के भोले खां सहित नौ लोगों के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि, पुलिस का यह भी कहना है कि जांच के दौरान गर्भवती महिला और उनके पति ने तत्काल ईंट लगने की कोई शिकायत नहीं की थी। गर्भस्थ शिशु की मौत का आरोप तीन दिन बाद लगाया गया। पुलिस के अनुसार, प्रसव कराने वाले डॉक्टर ने भी चोट से मौत की पुष्टि नहीं की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृत्यु का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है और विसरा सुरक्षित रखा गया है, जिसकी जांच जारी है।
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