मऊ जिले में पत्नी की हत्या के प्रयास के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 4 दीप नारायण तिवारी ने पति फिरोज अख्तर को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उसे 10 वर्ष के कारावास और कुल 8 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह मामला कोतवाली मुहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, वलिदपुर निवासी अब्दुल मन्नान ने अपनी बेटी इशरत जहां की शादी शहर कोतवाली क्षेत्र के इब्राहिम पुरा निवासी फिरोज अख्तर से की थी। अब्दुल मन्नान की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई थी। वादी ने आरोप लगाया था कि फिरोज अख्तर ने इशरत जहां पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या का प्रयास किया और उसके साथ मारपीट भी की। पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय में एडीजीसी फौजदारी नंदलाल भारती ने अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए कुल 6 गवाह पेश किए। बचाव पक्ष ने आरोपी को झूठा फंसाने का तर्क दिया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद एडीजे ने फिरोज अख्तर को हत्या के प्रयास, मारपीट, गंभीर चोट पहुंचाने और आयुध अधिनियम के तहत दोषी पाया। दोषी पाए जाने के बाद, फिरोज अख्तर को हत्या के प्रयास के मामले में 10 वर्ष की सजा और 5 हजार रुपए का अर्थदंड दिया गया। मारपीट के मामले में 6 माह की सजा और 500 रुपए का अर्थदंड, गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में 1 वर्ष की सजा और एक हजार रुपए का अर्थदंड, तथा आयुध अधिनियम के मामले में एक वर्ष की सजा और 1500 रुपए का अर्थदंड लगाया गया। कुल अर्थदंड 8 हजार रुपए है, जिसे जमा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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