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पते पर नहीं मिल रहे सवा तीन लाख मतदाता:वोटर लिस्ट से नाम कटना तय; सत्यापन अभी जारी है

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के अंतर्गत मतदाताओं को गणना प्रपत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक जो सत्यापन हआ है, उसमें लगभग 9 प्रतिशत मतदाता अपने पते पर नहीं पाए गए हैं। जिले में लगभग 36 लाख मतदाता हैं। इनमें से लगभग लाख 24 हजार वोटरों का नाम मतदाता सूची से कटना तय माना जा रहा है। ये मतदाता हो सकते हैं, जो अस्थाई रूप से शहर में रहने आए थे लेकिन कुछ वर्षों में ही कहीं और शिफ्ट हो गए। इसके साथ ही कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है और उनके नाम भी मतदाता सूची में दर्ज हैं। इसी तरह बोगस व डुप्लीकेट नाम भी बड़ी संख्या में हैं। सूची का सत्यापन अभी जारी है। मतदाता सूची में बोगस नामों का ही परिणाम है कि मतदान प्रतिशत पर भी असर पड़ता रहा है। निर्वाचन कार्यालय को बीएलओ की ओर से जो रिपोर्ट दी गई है, उसके मुताबिक गोरखपुर ग्रामीण एवं गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्रों में बोगस मतदाताओं की संख्या अधिक है। शहर विधानसभा क्षेत्र का पूरा हिस्सा शहर में है और गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा भी शहर में है। ऐसे में कई लोगों ने यहां भी अपना नाम दर्ज कराया था। अब मूल निवास पर ही नाम दर्ज कराना पसंद कर रहे लोग कई लोग गांव से आकर शहर में बसे हैं। कई लोग किराएदार के रूप में शहर में रह रहे हैं। उनके नाम उनके गांव और शहर दोनों स्थानों पर हैं। ऐसे में जब SIR की प्रक्रिया शुरू हुई है तो लोगों ने अपने मूल पते पर ही गणना प्रपत्र भरना पसंद किया है। ऐसे में शहर में उनके पते पर गणना प्रपत्र भेजा भी गया है तो उसे कोई प्राप्त करने वाला नहीं है। न ही ऐसे गणना प्रपत्र वापस आ रहे हैं। गैरहाजिर की श्रेणी में जा रहे नाम
जो लोग कहीं शिफ्ट हो चुके हैं, उनके नाम गैरहाजिर की श्रेणी में आ रहे हैं। बीएलओ का सत्यापन अभियान अभी जारी है। माना जा रहा है कि समय सीमा पूरी होने तक बोगस एवं डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या अधिक हो सकती है। निर्वाचन कार्यालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो ऐसे मतदाताओं को सूची में बनाए रखना न केवल चुनावी पारदर्शिता को प्रभावित करता है बल्कि मतदान प्रतिशत और चुनावी प्रबंधन भी इसका नकारात्म असर पड़ता है। SIR के बाद वास्तविक नाम ही सूची में रह जाएंगे। दो दशक में 10 लाख वोटर बढ़े
2003 की मतदाता सूची से तुलना करें तो दो दशक से अधिक समय यानी 22 साल में जिले में मतदाताओं की संख्या लगभग 10 लाख बढ़ गई है। 2003 में 26.68 लाख मतदाता थे जो 2025 में बढ़कर 36.66 लाख हो गए। पुरुष एवं महिला मतदाताओं की संख्या में बराबर बढ़ोत्तरी हुई है। जानिए क्या कहते हैं अधिकारी
उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत सिंह का कहना है कि SIR अभियान के दौरान जिले में दर्ज मतदाताओं में से लगभग 9 प्रतिशत लोग मौके पर नहीं मिल रहे हैं। इनमें से कई मतदाता या तो दूसरी जगह शिफ्ट हो गए या उनकी दो बार इंट्री हुई थी। इनमें ऐसे मतदाता भी हैं जो मृतक हो चुके हैं। ऐसे नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।


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